हमारी संस्कृति भौगोलिक विशेषताओं की तरह है विशिष्ट: अभिनेता सीपी भट्ट

बस्ती। हमारी संस्कृति भौगोलिक विशेषताओं की तरह बहुत ही विशिष्ट है। यहां हर प्रदेश की अपनी सांस्कृतिक परम्परा और लोकाचार है। इन्हीं विभिन्नताओं की वजह से भारत में सांस्कृतिक विभिन्नता भी सर चढ़ कर बोलती है। यह बातें बस्ती सदर विकास खंड के बन्तला गांव में आयोजित इस कार्यक्रम में भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से कल्चर फंसन एवं प्रोडक्षन ग्राण्टस स्कीम के तहत लोककला सांस्कृतिक संस्थान बस्ती द्वारा पारंपरिक सांस्कृतिक लोकोत्सव का आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में फिल्म अभिनेता सीपी भट्ट ने कही। इस अवसर पर उन्होंने भोजपुरी में डायलाग बोल कर लोगों को गुदगुदाया भी।
कार्यक्रम विशिष्ट अतिथि प्रेस क्लब अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने कहा की उत्तर प्रदेश में एक कहावत है की हर दो फर्लाग पर भाषा और पानी बदल जाता है। ये सच भी है की यहां की सांस्कृतिक विविधता देखते ही बनती है। यहां पर परमपराओं और संस्कृति का अद्भुत संगम है।
आयोजक लवकुश तिवारी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से नई प्रतिभाओं का प्रोत्साहित कर आमजन को आध्यात्मिकता, वैज्ञानिकता, कला और संस्कृति से जोड़ा जा सकता है।
कार्यक्रम संचालन कर रहे विशाल पाण्डेय ने कहा लोक जीवन से जुड़े ये लोक गीत हमारी संस्कृति की ही संगीतमय अभिव्यक्ति हैं। इन गीतों के जरिए कोई भी इंसान जीवन से सीधे जुड़ जाता है, चाहे वह दुनिया के किसी कोने में हो। वह सहज ही पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय चेतना से सहज जुड़ जाते हैं।
संस्थान की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लोकगायिका डॉ प्रतिमा यादव ने अवधी और भोजपुरी के पारंपरिक संस्कृति पर आधारित गीत पेश किए। प्रतिमा के के सहयोगी कलाकारों ने ढोलक, हारमोनियम और मंजीरे की लय पर शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने श्रेष्ठ संतान के जन्म, नामकरण, विधा आरम्भ, कर्ण छेदन, मुंडन संस्कार और विवाह जैसे संस्कारों पर आधारित गीत सुनाकर वाहवाही बटोरी।
कार्यक्रम की शुरुआत गायिका डॉ प्रतिमा ने अवधी गीत बंसी तो बाजे राजा रंगमहल मा… सुनाकर की। इसके बाद सउरी मां सोंठ के लड्डू बनावौ और बधैया बाजे अंगने … गाया। कार्यक्रम स्थल पर बैठे दर्शक एक के बाद गीतों पर झूमते रहे। डॉ प्रतिमा के साथ सहयोगी गायक-गायिकाओं ने समूह गानकर लय-ताल का शानदार उदाहरण पेश किया।
लोक गायक अमरेश पाण्डेय ने गीत पूजहूं गणपति गौरी प्रथम सखी…, व गीत बाबा की गोदी मां बईठै ललन किलकावै हो… और अयोध्या से आये विवेक पाण्डेय नें पूछहिं कौशल्या रानी, राजा दशरथ से बात… सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोक परम्पराओं पर आधारित एक से एक अवधी लोक गीतों का आनंद लिया।
कार्यक्रम में यातायात निरीक्षक कामेश्वर सिंह,जय प्रकाश उपाध्याय, अनिल श्रीवास्तव, डॉ नवीन सिंह, विशाल पाण्डेय, धर्मेन्द्र पाण्डेय, पुरुषोत्तम मौर्य, बबिता गौतम, राजेंद्र सिंह, वृजेन्द्र बहादुर पाल, अहमद अली, राम मूर्ति मिश्रा, रीता पाण्डेय, अंकुर श्रीवास्तव, प्रतिमा यादव, रमा प्रजापति, आराधना गौतम, साक्षी मिश्रा,भास्कर विश्वकर्मा, अमित कुमार सालिक राम सम्मानित, अमरेश पाण्डेय अमृत, विवेक पाण्डेय सम्मानित किये गए।
गोपाल दास नीरज सम्मान से अलंकृत हुए धर्मेन्द्र पाण्डेय
बस्ती। जनपद के स्टेशन रोड निवासीयुवा उपन्यासकार व साहित्यकार धर्मेन्द्र पाण्डेय के हिस्से में एक और उपलब्धि जुड़ गई है। उन्हें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से कल्चर फंसन एवं प्रोडक्षन ग्राण्टस स्कीम के तहत लोककला सांस्कृतिक संस्थान बस्ती द्वारा आयोजित पारंपरिक सांस्कृतिक लोकोत्सव कार्यक्रम में गोपालदास नीरज सम्मान से अलंकृत किया गया। यह सम्मान उन्हें भोजपुरी सिनेमा के मशहूर अभिनेता सीपी भट्ट के हाथों सौंपा गया । इस मौके पर साहित्यकार धर्मेन्द्र पाण्डेय ने कहा की इस सम्मान के मिलने से उनकी लेखन से जुड़ी जिम्मेदारियां और बढ़ गई है । उन्होंने कहा की वह आंचलिकता को ध्यान में रख कर दो उपन्यास लिख रहे हैं । जिसमें लोक परम्पराओं को बहुत ही सलीके से पाठकों के सामने प्रस्तुत करने की कोशिश की गई है। उनके इस सम्मान से अलंकृत होने पर विशाल पाण्डेय, राम कृष्ण लाल जगमग, सतेन्द्रनाथ मतवाला, बृहस्पति पाण्डेय, विनोद उपाध्याय, अमित सिंह सहित अनेकों लोगों नें बधाई दी है।
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