बस्ती में सूखी नहर से कैसे हो सिंचाई, आप भी जानें क्या है किसानों की बड़ी समस्याएं…
-सरयू नहर खण्ड में नही आया पानी।
-निजी साधनों से किसान कर रहे है गन्ने की सिंचाई।
-सरयू नहर की सफाई होने से पानी मिलने की जगी थी उमींद।
-सरयू नहर से हजारों बीघे होती थी सिंचाई।
बस्ती। विक्रमजोत सरयू नहर परियोजना में पानी न आने से नहर सूखी है। जिससे नहर के सस्ते दर पानी पाने वाले किसान निजी साधनो से गन्ने की सिंचाई कर रहे है। किसानों का कहना है कि सरकार नहर में प्रति वर्ष नहर की सफाई में करोड़ो रुपये खर्च करती है। इसके बाद भी किसानों को पानी नही मिल पाता है। ऐसे में किसान मजबूर होकर मंहगे दामों पर निजी साधनों से खेती की सिंचाई करना पड़ रहा हैI प्रदेश सरकार भले ही किसानों की आय दोगुनी करने का दावा कर रही है परन्तु हकीकत यह कि सिंचाई के समय नहर व नलकूप से पानी ही नही मिल पाता है।
जनपद बस्ती में किसानों को सस्ते दर पानी देने के लिए सरकार ने सरयू नहर परियोजना के तहत हजारों बीघे जमीन का अधिग्रहण कर करोड़ों रुपये खर्च कर नहर का निर्माण कराया था। सरयू नहर में विक्रमजोत से निकल कर बस्ती वार्डर रामपुर तक फैली है। इसके माइनर निकालकर किसानों के खेत तक पानी पहुंचाने के लिए गुलाबा बनाया गया था। सरकार प्रति वर्ष कभी नहर तो कभी माइनर की सफाई होती रही है। कई वर्ष से नहर में पानी न आने से किसान परेशान है। अभी गन्ने की सिंचाई हो रही है। इसके बाद धान के रोपाई का सीजन आ रहा है। ऐसे में मंहगे दामों पर सिंचाई करने के लिए मजबूर होना पडेगा। अभी हाल में ही सरयू नहर का जेसीबी लगाकर सफाई कराया है। सफाई होने से लोगों को उमींद थी कि गन्ने की सिंचाई के समय में पानी मिल जायेगा। परन्तु पानी नही आया।
सरयू नहर में खेती के समय में पानी आने से काफी राहत मिल सकती है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि सरयू नहर पानी दिया जाय। जिससे हम लोगों को राहत मिल सके।
निजी साधन से सिंचाई करने को मजबूर किसान
भीषण गरमी पड़ने से गन्ने की सिंचाई चरम पर चल रही है किसान ऐसे समय में निजी साधन से सिंचाई करने के लिए मजबूर है। किसानों का कहना है कि सरयू नहर में पानी न आने से हम लोगों को मजबूर होकर निजी साधनों से मंहगे दामों पर सिंचाई करना पड़ रहा है। सरयू नहर में पानी आने से राहत मिल सकती थी।
सूखी नहर कैसे हो सिंचाई
किसान सतीश चन्द्र ने बताया कि कई वर्षों से सरयू नहर में खेती के समय में पानी न ही आता है। गन्ने की सिंचाई एवं धान की रोपाई में हम लोगों को अपने निजी साधनों से मंहगे दामों पर सिंचाई करना पड़ता है। वही सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने का दावा कर रही हैं परन्तु खेती के समय पर नहर सूखी रहती है। सरकार नहर में पानी दे, जिससे किसानों को सिंचाई करने में राहत मिल सके।
नहर की प्रति वर्ष होती है सफाई लेकिन नही आता पानी
किसान राम बालक ने बताया कि सरयू नहर की सफाई हर वर्ष होती है। जिसमे सरकार लाखों रुपये खर्च करती है। कई वर्षों से पानी नही आता है। सीजन में किसान पानी का इंतजार करते है। इसके बाद मजबूर होकर निजी साधनों से सिंचाई करना पड़ता है। सरकार को नहर में पानी देना चाहिए। जिससे किसानों को राहत मिल सके।
हजारों एकड़ में फैली है सरयू नहर
किसान शिव चरन ने बताया कि सरयू नहर हजारों एकड़ में फैली हुई है। नहर में पानी आने से किसानों को सस्ते दरों पर पानी मिल जाता था। कई वर्षों से पानी आना बन्द हो गया है। बीच में कभी बाढ़ के समय में पानी छोड़ दिया जाता है। उस समय पानी की जरुरत नही रहती है। सरकार को नहर में पानी छोड़ने के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। जिससे किसानों को राहत मिल सके।
किसानों को नही मिल रही जरूरी सुविधाएं
किसान सन्तराम नें बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार को जरुरी सुविधाएं देना चाहिए। सिंचाई करने के समय में नहर सूखी रहती है। नलकूप खराब रहता है। ऐसे में किसान को मंहगें दामों पर सिंचाई करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। गन्ना के सिंचाई का समय चरम पर है फिर भी नहर सूखी है।
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-सरयू नहर खण्ड में नही आया पानी।-निजी साधनों से किसान कर रहे है गन्ने की…