सावधान! आपकी लापरवाही पड़ेगी भारी, पल भर में बैंक अकॉउंट हो जाएगा खाली

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सावधान! आपकी लापरवाही पड़ेगी भारी, पल भर में बैंक अकॉउंट हो जाएगा खाली

 

साइबर ठगों का है नया पैतरा, मोबाइल पर नामी कम्पनियों के नाम पर फर्जी कैशबैक का लिंक भेज कर किया जा रहा ठगी का प्रयास

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साइबर ठगों द्वारा कैशबैक ऑफर के नाम पर भेजा जा रहा फर्जी लिंक, क्लिक करते ही पल भर में बैंक खाता हो जाएगा खाली

बस्ती। त्योहार का सीजन है। कंपनियों ने ऑफर की बौछार कर दी है। यह सब हम आपको इसलिए बता रहे हैं, क्योंकि इसी की आड़ लेकर साइबर ठग आपके बैंक अकॉउंट को पलक झपकते खाली कर सकता है। यही वजह है कि बस्ती के पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने भी आम नागरिकों को सावधान करते हुए एडवाइजरी जारी की है। ताकि आप सुरक्षित रहते हुए त्योहार का पूरा आनन्द उठा सकें।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यदि आपको कभी किसी नामी कम्पनी द्वारा जिसका कोई ऐप, कोई सिम या आपके बैंक खाता जो आप द्वारा प्रयोग कि जा रहा है, के नाम से कैशबैक का ऑफर मिलने का मैसेज मिले और यह कहा जाए कि भेजे गए लिंक पर क्लिक करें तो सावधान होने की आवश्यकता है। या किसी से सम्पर्क करने को कहा जाता है तो भी इससे बचे। ठगों द्वारा भेजे गये लिंक पर क्लिक करते ही आपकी सारी गोपनीय जानकारी उनके पास पहुंच जायेगी और आपका बैंक खाता पल भर में खाली हो जायेगा। साइबर ठगी होने से बचने का उपाय यह है कि आप किसी भी लालच में बिल्कुन न आयें।

साइबर ठग ऐसे देते हैं घटना को अंजाम

– यह पहले एक लिंक बनाते है जिसमें किसी व्यक्ति से उसकी गोपनीय जानकारी को साझा करने हेतु फार्म छुपा होता है जो प्रत्यक्ष रूप से दिखाई नहीं देता है।

– इस लिंक को आपके पास या जो ऑनलाइन बैंकिंग का प्रयोग करता है, के पास भेज देते हैं। तथा उसे किसी कम्पनी द्वारा जिसका कि वह व्यक्ति कोई वस्तु ऐप, बैंक खाता, सिम कार्ड प्रयोग कर रहा है, उसका लोगो लगाकर कैशबैक प्राप्त होने का लालच दिया जाता है।

– लिंक प्राप्त करने वाला व्यक्ति जैसे ही लिंक पर क्लिक करता है उसके बैंक खाते की सारी गोपनीय जानकारी साइबर ठगों के पास पहुंच जाती है। जिसके बाद लिंक क्लिक करने वाले व्यक्ति के खाते से सारा पैसा निकलकर ठगों के खाते में ट्रान्सफर हो जाता है।

बेच दी जाती हैं आपकी गोपनीय जानकारी
साइबर ठग हमेशा से वारदात के लिए नए-नए तरीके आजमाते रहते हैं। व्हाटसएप और फेसबुक पर फ्री मोबाइल रिचार्ज के मैसेज भेज कर लोगों को जाल में फंसा कर उनकी जानकारियां चोरी कर ब्लैक मार्केट में बेची जा रही हैं। जिसकी मदद से साइबर ठग रिमोट एक्सेस एप डाउनलोड करा कर खाते तक खाली कर सकते हैं। कोरोना के चलते लोग इंटरनेट का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में ई-मेल, व्हाटसएप, फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऑफर आने शुरू हो गए हैं। ऑफर देने वाले लिंक को खोलने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि यह साइबर ठगों का नया तरीका इस तरह के मैसेज भेजने का मकसद दूसरे व्यक्ति की फोन नम्बर, लोकेशन, नाम और शहर जानने के लिए किया जाता है। जिसे इकट्ठा कर डार्क वेब पर ऊंचे दाम में बेचा जाता है।

लिंक में जानकारी मांगे तो हो जाएं सतर्क
अधिकतर मैसेज में आए लिंक को खोलने पर उसमें नाम, फोन नम्बर और शहर के बारे में जानकारी भरने को कहा जाता है। इसके फेर में फंस कर कई लोग बिना सच्चाई जाने अपने साथ ही परिचितों की निजता को भी खतरे में डाल देते हैं। इसका इस्तेमाल कर साइबर जालसाज बैंक खाते तक पहुंच सकता है और उसमें जमा पूंजी को एक झटके में निकाल सकता है।

रिमोट एक्सेस एप से खाते में सेंध
साइबर जालसाज लोगों की गोपनीय जानकारी चुराने के साथ ही उनको फोन कर बैंक डिटेल या यूपीआई की जानकारी तक जुटाने की भी कोशिश करते हैं। इसके अलावा मोबाइल पर एक मैसेज भेज कर उसमें दिए गए लिंक को डाउनलोड करने के लिए भी कहते हैं। ठगों की मंशा से अंजान व्यक्ति लिंक पर क्लिक करता है। तो उसके मोबाइल पर रिमोट एक्सेस एप (टीम विवर, एनीडेस्क या क्विक सपोर्ट) डाउनलोड हो जाती है। इस बीच जालसाज उसे बातों में फंसा कर नौ डिजिट का कोड और पिन नम्बर पूछ लेता है। इसके बाद ठग के नियंत्रण में दूसरे व्यक्ति का फोन आ जाता है। जिसकी मदद से वह ई-वॉलेट को आसानी से इस्तेमाल कर रुपए निकाल सकता है।

इन बातों पर ध्यान दें

-हमेशा नामचीन और अच्छी कंपनी की वेबसाइट से ही खरीदारी करें।

-ज्यादा बचत देखकर किसी ऐसी वेबसाइट से खरीदारी न करें, जिसके बारे में जानकारी नहीं है।

-वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें। वह एचटीटीपी के बजाय एचटीटीपीएस होना चाहिए। आखिर में एस का मतलब है कि गूगल ने उसे सिक्योर्ड किया है। इससे आप धोखाधड़ी पर आसानी से क्लेम कर सकते हैं।

-किसी कंपनी का कोई उत्पाद अगर तीसरी कंपनी बेच रही है तो उसके नाम, पते आदि की जानकारी कर लें और मुख्य कंपनी से संपर्क कर पता करें।

-वेबसाइट पर सामान की फोटो देखने से वह काफी आकर्षक लगता है। जबकि बाद में ठगे जाने का अहसास होता है। इसलिए उत्पाद को अच्छी तरह से जांच लें। यह सुनिश्चित हो कि जो उत्पाद बुक किया है वही डिलीवर हुआ है।

-ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले अपने जान पहचान वालों से भी संबंधित वेबसाइट व उसकी सर्विस के बारे में पता कर लें। ताकि धोखाधड़ी की कोई आशंका न रहे।

-उत्पाद बुक करने के लिए जब भी ऑनलाइन बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करें तो बिल के बारे में भी जानकारी लें। बैंक अनुमति के बिना पेमेंट नहीं करती हैं।

-ऑनलाइन पेमेंट करते समय कभी भी क्रेडिट कार्ड नंबर पहले न डालें। प्रोफार्मा पर उत्पाद की सूचना भर लें, इसके बाद बैंक से जुड़ी जानकारी भरें।

– किसी को बैंक या एटीएम कार्ड की डिटेल न बताएं।

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