महारानी लक्ष्मीबाई व इंदिरा गांधी को जयन्ती की पूर्व संध्या पर किया नमन
![महारानी लक्ष्मीबाई व इंदिरा गांधी को जयन्ती की पूर्व संध्या पर किया नमन](https://www.purvanchalsandesh.com/media-webp/2020-11/img-20201118-wa0208.jpg)
बस्ती। प्रेमचन्द साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान और कबीर साहित्य सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को कलक्ट्रेट परिसर में महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्म दिन पर उन्हें याद किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ वीके वर्मा ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की परिस्थितियां भले भिन्न रहीं हों, किन्तु दोनों का मूल उद्देश्य समर्थ और शक्तिशाली भारत का निर्माण करना था। इस बड़े उद्देश्य को लेकर दोनों ने अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। ऐसे महान नारियों को सदैव स्मरण किये जाने की जरूरत है।
अध्यक्षता करते हुये वरिष्ठ साहित्यकार सत्येन्द्रनाथ ‘मतवाला’ ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रांति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ 29 साल की उम्र में अंग्रेज साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा।
वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने लक्ष्मीबाई पर केन्द्रित सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना का स्मरण करते हुये कहा कि ‘सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी, बूढ़े भारत में भी आई फिर से नयी जवानी थी, गुम हुई आजादी की कीमत सबने पहचानी थी, दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी। चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी’ कविता सुनते ही आज भी देश प्रेम जाग जाता है। उनका बलिदान भारत के युवाओं के लिये प्रेरणाश्रोत है।
कार्यक्रम में डा. दशरथ प्रसाद यादव, श्याम प्रकाश शर्मा, मो. वसीम अंसारी, पं. चन्द्रबली मिश्र, डा. पंकज कुमार सोनी, रामचन्द्र राजा, डा. कमलेश पाण्डेय, डा. रामनरेश सिंह मंजुल, परशुराम शुक्ल, विनय कुमार श्रीवास्तव, सोमेश्वर प्रसाद यादव, प्रदीप श्रीवास्तव, दीनानाथ यादव, ओम प्रकाशधर द्विवेदी, आदि ने महारानी लक्ष्मीबाई और पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व, कृतित्व पर उनके पूर्व संध्या पर प्रकाश डाला। कबीर साहित्य सेवा संस्थान के अध्यक्ष मो. सामईन फारूकी ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
[18/11, 7:30 pm] संतोष तिवारी: वेबिनार में प्राकृतिक चिकित्सा के वैज्ञानिक पक्ष को आसान शब्दों में समझाया
बस्ती। तृतीय राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर इंडियन योग एसोसिएशन एवं इंडियन योग एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में प्राकृतिक चिकित्सा के वैज्ञानिक पक्ष को लेते हुए एक वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि केंद्रीय प्रभारी जयदीप आर्य जी एवं उत्तर प्रदेश चैप्टर के चेयरमैन डॉ अमरजीत यादव जी रहे।
वेबीनार में तमाम वरिष्ठ वक्ताओं ने प्राकृतिक चिकित्सा के वैज्ञानिक पक्ष को बड़ी सूक्ष्मता के साथ समझाया कि, प्राकृतिक चिकित्सा वह चिकित्सा विधि है जिसमें पंचमहाभूतों से बने शरीर पृथ्वी जल अग्नि वायु और आकाश तत्व को संज्ञान में लेते हुए चिकित्सा की जाती है। जिसमें पृथ्वी तत्व में मिट्टी चिकित्सा, जल चिकित्सा, सूर्य किरणों एवं सूर्य संतृप्त जल से हम अग्नि चिकित्सा,योग प्राणायाम से वायु चिकित्सा एवं उपवास नियमित खानपान से आकाश चिकित्सा के द्वारा हम शरीर की चिकित्सा करते हैं।
उचित खानपान आहार-विहार की भी चर्चा की गई हम अपने आहार को कब खाएं क्यों खायें कैसे खाएं और कितना खाएं कि हमारा आहार ही हमारी औषधि बन जाए। पंच तत्वों केंद्रीय प्रभारी केंद्रीय प्रभारीसे निर्मित शरीर में उपस्थित पंचमहाभूतो के महत्व को भी समझाया गया। आकाश तत्व में उपवास चिकित्सा महत्व को बहुत बारीकी से बताया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय प्रभारी जयदीप आर्य जी ने प्राकृतिक चिकित्सा दिवस की शुभकामनाएं एवं बधाई दी एवं उत्तर प्रदेश चेयरमैन डॉक्टर अमरजीत यादव ने लोगों के द्वारा दिए गए संबोधन की समीक्षा की और उसका वैज्ञानिक तथ्य बताया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं में डॉ जयदीप आर्य डॉ अमरजीत यादव डॉ उमेश शुक्ला श्री अमर सिंह भदौरिया प्रोफेसर एस के टेटर डॉक्टर एम के तनेजा मीडिया सचिव डॉ रमेश चंद्रा प्रोफेसर डॉ नवीन सिंह एवं प्रदेश के लगभग सैकड़ों सदस्य अन्य गणमान्य लोग रहे।
About The Author
बस्ती। प्रेमचन्द साहित्य एवं जन कल्याण संस्थान और कबीर साहित्य सेवा संस्थान के संयुक्त…