बस्ती में 24 घंटे से हवा के साथ बारिश ने गिराई धान व गन्ने की फसल, किसान चिंतित
बस्ती। बस्ती जिले में कभी भीषण बाढ़, कभी सूखा तो कभी बे मौसम भीषण बारिस का कहर झेल रहा सरयू और कुआनों के बीच के किसान अभी बाढ़ के कहर से उबर नहीं पाया था कि अचानक 24 घंटे से तेज हवा के साथ भीषण बारिस नें किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। किसानों के लिए यह बारिश अब आफत बन गई है। गरज चमक के साथ हो रही तेज बारिश से खेतों में तैयार खड़ी धान की फसल को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों की फसल बुरी तरह प्रभावित हो रही है। खेतों में पानी भर गया है और पकने को तैयार फसल गिर गई है।
बता दें लगातार 24 घंटे से जिले में रुक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों को चिंता बढ़ गई है। अब किसानों के कड़ी मेहनत पर पानी फिर गया है। किसानों का कहना है कि बारिश से धान की बालियां खराब हो रही है। बरसात की हवा में धान की फसल गिर जा रही है और खेतों में पानी के कारण धान की बालियां पूरी तरह खराब हो जा रही हैं। वहीं ग्रामीण अंचल में लगातार बारिश होने के चलते क्षेत्र के किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं अधिकांश किसानों की फसल पक्क कर तैयार हो चुकी है। अब ऐसे में अपनी मेहनत की कमाई को नष्ट होते देख किसान चिंतित हैं।
क्या कहते हैं किसान: सुरेन्द्र कुमार शुक्ल (बूदे बाबा)
इलाके में 24 घंटे की बरसात से धान एवं गन्ने की फसल गिर गई है। जिससे किसानों को करीब 40 प्रतिशत का नुकसान हुआ है। ऐसे में केसीसी धारकों के किसानों किसान बीमा का लाभ मिलना चाहिए। जिससे लोगों को कुछ राहत मिल सके।
भैसहटी निवासी अजीत प्रताप सिंह (रिंकू)
इस वर्ष बाढ़ एवं बरसात से किसानों की कमर टूट गई है। इस बार बरसात से गन्ना की फसल का काफी नुकसान हुआ है। इस बार गन्ने की पैदावार बहुत कम थी। वही बरसात ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
गौसपुर निवासी राहुल जायसवाल
बरसात से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। धान की फसल में बाल आने के बाद रोग लग गए। किसान दवा का छिड़काव कर रहे थे कि बरसात से फसल गिर गई है। इस लोग चिंतित है।
रसूलपुर निवासी राम सूरत चौधरी
बुधवार की शाम से लगातार हो रही बरसात से काफी नुकसान हुआ है 24 घंटे तक लगातार बरसात से मुसीबत बढ़ा दी है। आलू की खेती के लिए तैयार की गई खेती भी अब इंतजार करना पड़ेगा।
क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इन दिनों धान की फसल पक कर तैयार है, अगले माह से धान की कटाई शुरू हो जाएगी। बढ़िया मानसून के कारण सावन माह में हुई अच्छी बारिश के बाद अब सितंबर माह के अंत में बारिश ने चिंता बढ़ा दी है। हवा के साथ हो रही बारिश से सबसे अधिक नुकसान धान की फसल को ही है। धान की फसल तेज बारिस के चलते बिछ गई है तो कई स्थानों पर पानी में डूब भी गई है। जिससे धान की फसल बर्बाद हो रही है।
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