जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कोविड-19 से संक्रमित लोगों के नजदीकी लोगों की समय से पहचान न किए जाने पर व्यक्त किए असंतोष

बस्ती। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने कोविड-19 से संक्रमित लोगों के नजदीकी लोगों की समय से पहचान न किए जाने पर असंतोष व्यक्त किया है। उन्होने इस संबंध में संक्रमित लोगों की सूची पुलिस अधीक्षक को भेजवाने का निर्देश दिया है ताकि थानों के माध्यम से ऐसे लोगों की पहचान कर उनका टेस्ट कराया जा सकें। विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में उन्होने कहा कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आये लोगों से वायरस फैलने की पूरी सम्भावना रहती है।
उन्होने निर्देश दिया कि अन्ट्रेस के बारे में संबंधित एसडीएम तथा सीओ को सूचना तत्काल भेजनी चाहिए, जो एकीकृत कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेण्टर (आईसीसीसी) द्वारा नही किया गया। अन्ट्रेस केस नूर हास्पिटल का है जहाॅ पर उसकी एन्टीजन जाॅच करायी गयी थी। इस संबंध में लापरवाही बरतने पर हास्पिटल को नोटिस भेजवाने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है।
जिलाधिकारी ने समीक्षा में पाया कि 06 अन्य केस दूसरे जिलो के है, जो अन्ट्रेस है। इसमें से दो-दो बहराईच एंव पीजीआई लखनऊ, एक-एक केस अयोध्या एवं सिद्धार्थ नगर का होना बताया गया है। इसमें से एक केस की जाॅच सीएचसी मरवटिया में एन्टीजन से हुयी थी और वे सिद्धार्थ नगर चले गये। जिलाधिकारी ने इस स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया।
उन्होने सीएमओ को निर्देश दिया कि दूसरे जनपदों के लोगों की अपने जिले में एन्टीजन जाॅच न करायी जाय। उन्होने कहा कि एन्टीजन जाॅच कराने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड एंव मोबाईल नम्बर अवश्य लिया जाय। उन्होने कहा कि ऐसे केस जो जाॅच के बाद अपने जिलों में चले जाते है उनके पाॅजिटिव पाये जाने पर या मृत्यु होने पर असहज स्थिति होती है। इसका कड़ाई से पालन कराये।
सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि गुरूवार को सायं 04.00 बजे आईसीसीसी में कोई अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित नही था। यह बहुत गम्भीर स्थिति है। उन्होने निर्देश दिया कि आईसीसीसी में तैनात सभी अधिकारी-कर्मचारी समय से ड्यिूटी पर आये और पूरे समय उपस्थित रहें। उन्होने यह भी निर्देश दिया कि दोनो शिफ्ट में कोई डिप्टी सीएमओ थोड़ी देर के लिए यहाॅ अवश्य उपस्थित रहें।
प्राचार्य मेडिकल कालेज डाॅ0 नवनीत कुमार ने बताया कि ओपेक हास्पिटल कैली से ठीक हुये मरीजों को पोर्टल पर डिस्चार्ज कर दिया जाता हैै परन्तु जहाॅ से रेफर हो कर मरीज आता है, संबंधित चिकित्सालय द्वारा पोर्टल पर डिस्चार्ज नही किया जाता है। ऐसी स्थिति में कैली से डिस्चार्ज मरीज पोर्टल पर भर्ती रहना प्रदर्शित होता है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि संबंधित जनपद के सीएमओ से बात करके पोर्टल पर सूचना ठीक कराये। बैठक में फैसिलिटीवार डिस्चार्ज मरीजो की समीक्षा की गयी। गुरूवार को 23 होमआईशोलेसन वाले मरीज भी डिस्चार्ज हुए है।
जिलाधिकारी ने कैली अस्पताल में भर्ती गम्भीर रोगों के मरीजो की समीक्षा की गयी। यहाॅ पर 03 ऐसे मरीज भर्ती है जो कोरोना निगेटिव हो गये है लेकिन गम्भीर बीमारी के कारण आक्सीजन पर है। कुछ महत्वपूर्ण दवाओं की अनउपलब्धता के संबंध में जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि इसकी सूची ड्रग इन्स्पेक्टर को उपलब्ध करा दें। वे दवाओं के दुकान पर इसकी उपलब्धता करा देंगे।
बैठक में सैम्पलिंग की समीक्षा की गयी। शासन के निर्देशानुसार प्रतिदिन 1500 एन्टीजन तथा 450 एनटीपीसीआर से जाॅच के निर्देश है। गुरूवार को 1000 सैम्पलिंग की सूचना है। सैम्पलिंग कम होने का कारण बारिश का होना बताया गया। जिलाधिकारी ने कम सैम्पलिंग वाले चिकित्सा संस्थान को नोटिस देने का निर्देश दिया है। बैठक में सीएमओ डाॅ0 एके गुप्ता, एसीएमओ डाॅ0 सीएल कन्नौजिया, डाॅ0 फखरेयार हुसैन, डाॅ0 सीके वर्मा, डाॅ0 जीएम शुक्ला, डाॅ0 सोमेश श्रीवास्तव, डाॅ0 रोचस्पति पाण्डेय तथा सुधीर कुमार यादव भी उपस्थित रहें।
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