गन्ना भुगतान को लेकर है किसानों के सामनें संकट, आप भी जाने…

- गन्ने का नही बढ़ा रेट, बढ़ गई लागत
- गन्ना भुगतान को लेकर किसानों के सामने बड़ा संकट
- गन्ने के फसल की गुड़ाई, सिंचाई, चारों तरफ घेरा बन्दी करने में पैसे की समस्यां
- एक बीघे गन्ना की घेरा बन्दी करने में पांच हजार की आ रही लागत
- किसानों को मात्र 12 दिन का मिल है भुगतान
कलवारी बस्ती। लॉकडाउन में गन्ना किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। गन्ने का रेट नही बढ़ा लेकिन छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर प्रति बीघे पांच हजार की लागत बढ़ गई है। चीनी मील रूधौली ने मात्र 12 दिनों का भुगतान भेजा है। ऐसे में लोगों के सामने गन्ना की गुड़ाई, सिंचाई एवं दवा का छिड़काव के साथ गन्ने की घेरा बन्दी में बल्ली, तार लगाने में पसीना छूट जा रहा है।
किसानों की नगदी फसल गन्ना की फसल से अब किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। किसानों का कहना है कि गन्ना का भुगतान न मिलने से खेती करने में समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में किसी प्रकार गन्ना की बुआई कर दिया गया है। अब गन्ने की गुड़ाई, सिंचाई, दवा का छिड़काव के साथ गन्ने के चारों तरफ बांस बल्ली लगाकर व तार लगाने का तार चल रहा हैI ऐसे में पैसा का खर्चा अधिक हो गया है। ऐसे में गन्ने का भुगतान न मिलने से समस्या खड़ी हो गई है।
लॉकडाउन में हर व्यक्ति आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे प्रशासन को चीनी मील से गन्ना भुगतान करने की पहल करना चाहिए। जिससे किसानों को राहत मिल सकेगी।
प्रशासन को गन्ना भुगतान कराने की पहल करने मांग
फेटवा किसान कपिल देव उपाध्याय ने बताया चीनी मील ने अभी तक मात्र 12 दिनों तक ही भुगतान किया है। लॉकडाउन में प्रशासन को गन्ना भुगतान पर पहल करना चाहिए। जिससे किसानों को खेत की गुड़ाई, सिंचाई, दवा की छिड़काव के साथ खेती करने में राहत मिल सके।
खेती में बढ़ गई लागत, नही मिल रहा भुगतान
किसान हप्पू सिंह डिंगरापुर ने बताया कि गन्ना की खेती में लागत तो बढ़ गई, परन्तु भुगतान नही हो पा रहा है। जिसकों लेकर किसान परेशान है। धान की नर्सरी डालने एवं गन्ना की सिंचाई एवं गुड़ाई करने में पैसे की जरूरत थी। बकाये पैसे का भुगतान मिलने से राहत मिल जाती।
पांच हजार बढ़ गई गन्ने में लागत
डेईडीहा गांव निवासी रमन चौधरी ने बताया कि गन्ना की लागत में पांच हजार की बढ़ोत्तरी हो गई है। उधर गन्ने का भुगतान नही मिल रहा है। लॉकडाउन में लोगों का कारोबार बन्द हो गया है। उधर गन्ने के खेती का कार्य चरम पर चल रहा है।
मंहगी पड़ रही है गन्ने की खेती
गौसपुर निवासी नरसिंह ने बताया कि गन्ना की खेती करना मंहगा हो गया है। लागत के अनुसार मुनाफा नही निकल पा रहा है। उधर गन्ना बीज, जुताई, गुड़ाई, सिंचाई एवं दवा का छिड़काव करने में नगद पैसा लगाना पड़ रहा हैI ऐसे में मील से भुगतान न मिलने से संकट खड़ा हो गया है।
भुगतान न मिलने से समस्या
रखौनवा निवासी राम धनी ने बताया कि गन्ने का भुगतान न मिलने से किसानों के सामने संकट खड़ा हो गया है। किसानों को लॉकडाउन में और कोई आमदनी न होने से समस्या खड़ी हो गई है। इसके बाद भी प्रशासन भुगतान कराने की पहल नही कर रहा है।
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