परिषदीय शिक्षकों को तबादले का इंतजार खत्म, शासन स्तर पर जिले के अंदर तबादले की तैयारी

UP Basic Shikshak Transfer 2024

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परिषदीय शिक्षकों को तबादले का इंतजार खत्म, शासन स्तर पर जिले के अंदर तबादले की तैयारी

UP Basic Shikshak Transfer 2024 || उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का जिले के अंदर तबादले का इंतजार अब खत्म होने वाला है। बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के जनपद के अंदर स्थानांतरण की प्रक्रिया को एक बार पुनः शुरू करने जा रहा है। जिसे लेकर बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा तबादले का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इसी सप्ताह बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शासनादेश भी जारी करने की तैयारी पूरी कर ली गई है। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी सत्र में परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का जनपद के अंदर स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

आपको बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षक विगत छह सालों से जिले के अंदर स्थानांतरण होने का इंतजार कर रहे हैं। विभाग द्वारा भी जनपद के अंदर स्थानांतरण को लेकर कई बार प्रयास किया गया किंतु कानूनी दाव पिच के कारण जनपद के अंदर शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई। हर बार मामला कानूनी दांव पेंच में फंस कर रह गया। अगर हम बात करें तो जिले के अंदर 2018, 2019 और 2023 में सिर्फ पारस्परिक स्थानांतरण और समायोजन की प्रक्रिया पूर्ण की गई है। इसके अलावा तीन बार परिषदीय शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण पूरा किया गया है। जिसके चलते दूसरे जिलों से आए शिक्षक शिक्षकों को जिला मुख्यालय के करीब विद्यालय आवंटित किया जा चुका है। बल्कि नियम है कि पुरुष शिक्षकों की तैनाती के प्रथम 5 वर्ष और महिलाओं को सेवा कल के दो वर्ष पिछड़े ब्लॉक में भी सेवा देनी है। वहीं जनपद में 5 साल की सेवा अवधि पूरी कर चुके शिक्षक शिक्षिकाओं को खुले स्थानांतरण से वंचित रखा गया है। जिसके चलते सैकड़ो वरिष्ठ शिक्षक शिक्षिकाएं जिला मुख्यालय से करीब 70 से 100 किलोमीटर दूर के स्कूलों में अपनी सेवा देने के लिए विवश हैंI

शिक्षकों का स्थानांतरण ना होने से शिक्षक छात्र अनुपात में है अनियमित

उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का जनपद के अंदर स्थानांतरण विगत 6 वर्षों से न होने के कारण स्कूलों में शिक्षक छात्र अनुपात में बड़ी अनियमित हो गई है। अधिकांश स्कूलों में छात्र संख्या के सापेक्ष शिक्षक अधिक हैं। बल्कि तमाम ऐसे विद्यालय हैं जहां छात्र संख्या अधिक होने के बावजूद विद्यालय एकल अध्यापक के भरोसे संचालित हो रहा है। जिससे कहीं ना कहीं इसका प्रभाव सीधे परिषदीय स्कूलों के संचालन व पठन-पाठन पर सीधे पड़ रहा है। ऐसे में आगर जिले के अंदर परिषदीय शिक्षकों का स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू हुई तो शिक्षक छात्र अनुपात सही हो जाएगा और छात्र संख्या के अनुसार परिषदीय स्कूलों में अध्यापक पहुंच जाएंगे।जिससे पठन-पाठन की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो सकेगी।

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