Prem Mandir Vrindavan Uttar Pradesh || क्यों प्रसिद्ध है वृंदावन में राधा कृष्ण का प्रेम मंदिर || वृंदावन में प्रेम मंदिर राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक
Prem Mandir Mathura Vrindavan Uttar Pradesh

Prem Mandir Mathura Vrindavan Uttar Pradesh || राधा-कृष्ण के प्रेम की कहानी की गाथा सुनाता मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर (Prem Mandir Mathura Vrindavan) का नाम तो आप सभी ने सुना होगा। प्रेम के प्रतीक के रूप में जिस तरह आगरा का ताजमहल को जाना जाता है कुछ इसी तरह पौराणिक स्थल वृंदावन में में स्थित प्रेम मंदिर भी राधा-कृष्ण (Radha Krishna) की प्रेम की कहानी को बयां कर रहा है। वृंदावन पहुंचकर प्रेम मंदिर में दर्शन करने वाले भक्त इस मंदिर की खूबसूरती को देख मंत्र मुग्ध हो जाते हैं और मंदिर की भव्यता देख उसी में खो जाते हैं। कभी जब प्रेम कहानी का जिक्र होता है तो सबसे पहले राधा और कृष्ण का नाम सबसे पहले आता है। लोगो का मानना है कि संसार में आध्यात्मिक प्रेम की अनुभूति राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ने ही कराया। मान्यता है कि कृष्ण का प्रेम हमे सिखाता है कि प्रेम केवल प्रेमी-प्रेमिका के बीच ही नहीं बल्कि सखी-साथियों, माता-पिता, भाई बहनों, पशु-पक्षी सभी से हो सकता है। अगर हम बात करें तो भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन में हर तरफ प्रेम ही प्रेम है। इसके साथ ही वृंदावन में एक ऐसा मंदिर जो कि पूरी तरह से प्रेम को ही समर्पित है और उसी मंदिर को लोग प्रेम मंदिर के नाम से जानते पहचानते हैं।
कब और किसनें बनवाया था प्रेम मंदिर
वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर (Prem Mandir Mathura Vrindavan) की अगर हम बात करें तो इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण 14 जनवरी 2001 में शुरू किया गया था। भव्य और खूबसूरत प्रेम मंदिर के निर्माण में कुल 11 वर्ष का समय लगा और 17 फरवरी 2012 में इसका कार्य पूरा हुआ और 17 फरवरी 2012 से ही इसे सार्वजनिक रूप से भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। प्रेम मंदिर का निर्माण कार्य पांचवें जगद्गुरु कृपालु जी महाराज (Jagadguru Kripalu Ji Maharaj) द्वारा करवाया गया। कृपालु जी महाराज भगवान श्रीकृष्ण के अनन्य भक्त थे और इसी कारण उन्होंने श्रीकृष्ण के प्रेम का प्रतीक कहे जाने वाले प्रेम मंदिर का निर्माण कार्य कराया। प्रेम मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
प्रेम मंदिर की भव्यता व बनावट
वृंदावन में राधा कृष्ण के प्रेम का प्रतीक प्रेम मंदिर (Prem Mandir Mathura Vrindavan) की ऊंचाई 125 फीट और लंबाई 122 फीट है। प्रेम मंदिर की चौड़ाई की अगर हम बात करें तो इसकी चौड़ाई लगभग 115 फीट है। प्रेम मंदिर के मुख्य द्वार पर मयूर के आकृति की 8 नक्काशी वाले तोरण लगाए गए है। अगर हम मंदिर के भीतर की दीवारों की बात करें तो यहां पर कृपालु जी महाराज (Jagadguru Kripalu Ji Maharaj) की झांकियां भी बनाई गई है। इसके साथ ही प्रेम मंदिर में 94 स्तंभों का भी निर्माण किया गया है। प्रेम मंदिर का निर्माण इटली से मंगवाए गए संगमरमर पत्थरों से निर्मित हुआ है जो अपनी भव्यता और दिव्यता के लिए समूचे विश्व मे प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर में दर्शन के लिए भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं।
यहां राधा कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं श्रद्धालु
मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर (Prem Mandir Mathura Vrindavan) में राधा-कृष्ण के प्रेम की अनगिनत प्रसंगों से संबंधित चित्र उकेरे गए हैं। प्रेम मंदिर में स्थापित राधा कृष्ण की मूर्ति के दर्शन के बाद श्रद्धालु राधा कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं और यहां दर्शन से श्रद्धालुओं को सुकून मिलता है। प्रेम मंदिर दिन में सफेद संगमरमर कि चमक के साथ अद्भुत दिव्य नजर आता है वहीं शाम होने के बाद इस मंदिर में लगी खास लाइटिंग से पूरा मंदिर रंग विरंगा हो जाता है। प्रेम मंदिर रात के समय मे हर 30 सेकंड में अलग-अलग रंगों में सराबोर दिखता है। प्रेम मंदिर में देश विदेश से पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदिर के अंदर बैठकर कृष्णमय हो जाते हैं और राधा कृष्ण की भक्ति में लीन होकर सुखद क्षणों का आनंद लेते हैं।
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Prem Mandir Mathura Vrindavan Uttar Pradesh || राधा-कृष्ण के प्रेम की कहानी की गाथा सुनाता मथुरा के वृंदावन में स्थित प्रेम मंदिर (Prem Mandir Mathura Vrindavan) का नाम तो आप सभी ने सुना होगा। प्रेम के प्रतीक के रूप में जिस तरह आगरा का ताजमहल को जाना जाता है कुछ इसी तरह पौराणिक स्थल वृंदावन में में स्थित प्रेम मंदिर भी राधा-कृष्ण (Radha Krishna) की प्रेम की कहानी को बयां कर रहा है।