“बरसात के मौसम में किस तरह बरते सावधानियां”

कलवारी, बस्ती। झुलसती गर्मी के बाद रिमझिम फुहारों वाली बरसात आमतौर पर हर किसी को अच्छा लगता है। प्रकृति की खूबसूरती भी इस मौसम में अपने चरम पर होती है। लेकिन वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो थोड़ी सी लापरवाही तरह तरह की बीमारियों को दावत दे सकती है।
आरोग्य भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ के राष्ट्रीय सचिव डॉ दीपक सिंह कहते हैं कि बरसात के मौसम में दाद, खुजली, सर्दी, खांसी, कंजेक्टिवाइटिस, मलेरिया, टायफायड बुखार, चिकनगुनिया, डेंगू, कालरा, दस्त, उल्टी, एसिडिटी, बदहजमी आदि बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसका सबसे बड़ा कारण घरों के आसपास जलजमाव, सड़ी गली सब्जियां एवम फल, तथा घरों में नमी एवं गंदगी के कारण मक्खियों की संख्या बढ़ जाती है। जिसके कारण बैक्टीरिया एक जगह से दूसरे जगह तक आसानी से फैल जाते है। बैक्टीरिया से बचाव हेतु घरों में सब्जियां एवम फलों को गर्म पानी मे धुलकर ही रखें। घर की नियमित साफ सफाई करें, ठंडा एवम बासी खाना खाने से परहेज करें। तथा खुले में रखी मिठाईयां, समोसे, पकौड़ी आदि चीजे बिल्कुल भी न खाएं। रात्रि के समय सलाद एवं दही का सेवन न करे।
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