बुधवार का राशिफल एवं स्वस्थ्य रहने के उपाय आइए जाने क्या कहते है आपके सितारे

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*? सुप्रभातम् ?*
*««« आज का पंचांग »»»*
कलियुगाब्द………………5122
विक्रम संवत्……………..2077
शक संवत्………………..1942
मास……………………..कार्तिक
पक्ष………………………कृष्ण
तिथी……………………चतुर्थी
दुसरे दिन प्रातः 05.13 पर्यंत पश्चात पंचमी
रवि………………दक्षिणायन
सूर्योदय……प्रातः 06.33.23 पर
सूर्यास्त……संध्या 05.47.34 पर
सूर्य राशि………………..तुला
चन्द्र राशि………………..वृषभ
गुरु राशि………………….धनु
नक्षत्र………………….मृगशीर्ष
दुसरे दिन प्रातः 04.47 पर्यंत पश्चात आर्द्रा
योग……………………शिव
दुसरे दिन प्रातः 06.47 पर्यंत पश्चात सिद्ध
करण……………………बव
दोप 04.20 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………..शरद
दिन……………………..बुधवार
?? *आंग्ल मतानुसार* :-
04 नवम्बर सन 2020 ईस्वी ।
⚜ *तिथि विशेष :*
*करवां चौथ :-*
शास्त्रों के अनुसार यह व्रत कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी के दिन करना चाहिए। पति की दीर्घायु एवं अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। करवाचौथ में भी संकष्टी गणेश चतुर्थी की तरह दिन भर उपवास रखकर रात में चन्द्रमा को अर्घ्य देने के उपरांत ही भोजन करने का विधान है। वर्तमान समय में करवाचौथ व्रतोत्सव ज्यादातर महिलाएं अपने परिवार में प्रचलित प्रथा के अनुसार ही मनाती हैं लेकिन अधिकतर स्त्रियां निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करक चतुर्थी (करवा-चौथ) व्रत करने का विधान है। इस व्रत की विशेषता यह है कि केवल सौभाग्यवती स्त्रियों को ही यह व्रत करने का अधिकार है। स्त्री किसी भी आयु, जाति, वर्ण, संप्रदाय की हो, सबको इस व्रत को करने का अधिकार है। जो सौभाग्यवती (सुहागिन) स्त्रियाँ अपने पति की आयु, स्वास्थ्य व सौभाग्य की कामना करती हैं वे यह व्रत रखती हैं।
यह व्रत 12 वर्ष तक अथवा 16 वर्ष तक लगातार हर वर्ष किया जाता है। अवधि पूरी होने के पश्चात इस व्रत का उद्यापन (उपसंहार) किया जाता है। जो सुहागिन स्त्रियाँ आजीवन रखना चाहें वे जीवनभर इस व्रत को कर सकती हैं। इस व्रत के समान सौभाग्यदायक व्रत अन्य कोई दूसरा नहीं है। अतः सुहागिन स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षार्थ इस व्रत का सतत पालन करें।
? *करवां चौथ की कथा :-*
एक बार पांडु पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए। इधर द्रोपदी बहुत परेशान थीं। उनकी कोई खबर न मिलने पर उन्होंने कृष्ण भगवान का ध्यान किया और अपनी चिंता व्यक्त की। कृष्ण भगवान ने कहा- बहना, इसी तरह का प्रश्न एक बार माता पार्वती ने शंकरजी से किया था।
पूजन कर चंद्रमा को अर्घ्य देकर फिर भोजन ग्रहण किया जाता है। सोने, चाँदी या मिट्टी के करवे का आपस में आदान-प्रदान किया जाता है, जो आपसी प्रेम-भाव को बढ़ाता है। पूजन करने के बाद महिलाएँ अपने सास-ससुर एवं बड़ों को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लेती हैं।
तब शंकरजी ने माता पार्वती को करवा चौथ का व्रत बतलाया। इस व्रत को करने से स्त्रियाँ अपने सुहाग की रक्षा हर आने वाले संकट से वैसे ही कर सकती हैं जैसे एक ब्राह्मण ने की थी। प्राचीनकाल में एक ब्राह्मण था। उसके चार लड़के एवं एक गुणवती लड़की थी।
एक बार लड़की मायके में थी, तब करवा चौथ का व्रत पड़ा। उसने व्रत को विधिपूर्वक किया। पूरे दिन निर्जला रही। कुछ खाया-पीया नहीं, पर उसके चारों भाई परेशान थे कि बहन को प्यास लगी होगी, भूख लगी होगी, पर बहन चंद्रोदय के बाद ही जल ग्रहण करेगी।
भाइयों से न रहा गया, उन्होंने शाम होते ही बहन को बनावटी चंद्रोदय दिखा दिया। एक भाई पीपल की पेड़ पर छलनी लेकर चढ़ गया और दीपक जलाकर छलनी से रोशनी उत्पन्न कर दी। तभी दूसरे भाई ने नीचे से बहन को आवाज दी- देखो बहन, चंद्रमा निकल आया है, पूजन कर भोजन ग्रहण करो। बहन ने भोजन ग्रहण किया।
भोजन ग्रहण करते ही उसके पति की मृत्यु हो गई। अब वह दुःखी हो विलाप करने लगी, तभी वहाँ से रानी इंद्राणी निकल रही थीं। उनसे उसका दुःख न देखा गया। ब्राह्मण कन्या ने उनके पैर पकड़ लिए और अपने दुःख का कारण पूछा, तब इंद्राणी ने बताया- तूने बिना चंद्र दर्शन किए करवा चौथ का व्रत तोड़ दिया इसलिए यह कष्ट मिला।
अब तू वर्ष भर की चौथ का व्रत नियमपूर्वक करना तो तेरा पति जीवित हो जाएगा। उसने इंद्राणी के कहे अनुसार चौथ व्रत किया तो पुनः सौभाग्यवती हो गई। इसलिए प्रत्येक स्त्री को अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करना चाहिए। द्रोपदी ने यह व्रत किया और अर्जुन सकुशल मनोवांछित फल प्राप्त कर वापस लौट आए। तभी से हिन्दू महिलाएँ अपने अखंड सुहाग के लिए करवा चौथ व्रत करती हैं।
?? *राहुकाल* :-
दोपहर 12.10 से 01.33 तक ।
? *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
05:15:21 07:35:13
*वृश्चिक*
07:35:13 09:54:10
*धनु*
09:54:10 11:58:32
*मकर*
11:58:32 13:41:08
*कुम्भ*
13:41:08 15:08:50
*मीन*
15:08:50 16:34:01
*मेष*
16:34:01 18:09:29
*वृषभ*
18:09:29 20:05:20
*मिथुन*
20:05:20 22:20:18
*कर्क*
22:20:18 24:41:00
*सिंह*
24:41:00 26:58:41
*कन्या*
26:58:41 29:15:21
? *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक………………..4
? शुभ रंग…………………हरा
? *चौघडिया :-*
प्रात: 07.59 से 09.22 तक अमृत
प्रात: 10.46 से 12.09 तक शुभ
दोप 02.56 से 04.19 तक चंचल
सायं 04.19 से 05.42 तक लाभ
रात्रि 07.19 से 08.56 तक शुभ ।
? *आज का मंत्र* :-
|| ॐ आमोदाय नम: ||
? *संस्कृत सुभाषितानि :-*
यस्तु सञ्चरते देशान् यस्तु सेवेत पण्डितान् ।
तस्य विस्तारिता बुद्धिः तैल बिन्दु रिवाम्भसि ॥
*अर्थात :-*
जो देशों में घूमता है, जो पंडितों की सेवा करता है उसकी बुद्धि पानी में तेल के बिंदुवत् विस्तृत होती है ।
? *आरोग्यं :*-
*दांतों से कैविटी कैसे हटाये :-*
*2. दांतों से कैविटी को दूर करे नमक -*
एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण नमक का उपयोग कैविटी का इलाज करने के लिए किया जा सकता है। यह सूजन और दर्द को कम कर सकता है। इसके अलावा नमक किसी भी संक्रमण को बाहर निकाल सकता है और मुंह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोक सकता है।
इसके लिए एक गिलास गर्म पानी में 1 चम्मच (टी स्पून) नमक मिलाएं। फिर एक मिनट के लिए मुंह में डालकर इसे हिलाइए और ध्यान केंद्रित करें और फिर पानी फेक दीजिए। इस उपचार को दिन में तीन बार पालन करें, जब तक कि आपके लक्षण कम नहीं हो जाते।
⚜ *आज का राशिफल :-*
? *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। सुख के साधनों की प्राप्ति की कोशिशें कामयाब रहेंगी। नए काम हाथ में आएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें। नई योजना बनेगी। कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
? *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर अवसर बढ़ेंगे। समस्याएं कम होंगी। मान-सम्मान मिलेगा। मित्र व रिश्तेदारों से संबंध सुधरेंगे। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। नए मित्र बनेंगे। बुद्धि का प्रयोग करें। व्यापार-व्यवसाय व नौकरी से अनुकूलता बनी रहेगी।
?? *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। झंझटों से दूर रहें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। आर्थिक परेशानी आ सकती है। चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका बनती है। आशंका-कुशंका के चलते कार्य प्रभावित होंगे। आय में निश्चितता रहेगी। जोखिम न लें।
? *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
कारोबार में लाभ वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। निवेश में लाभ होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कामों की रुकावट दूर होगी। स्थिति मनोनुकूल रहेगी। घर में सभी सदस्य आनंदपूर्वक रहेंगे। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।
? *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी। कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है। जल्दबाजी न करें।
??♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
यात्रा मनोरंजक रहेगी। कारोबार से लाभ होगा। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। घर के सभी सदस्य प्रसन्न व संतुष्ट रहेंगे। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। संगीत आदि में दिलचस्पी बढ़ेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
बेवजह किसी से विवाद हो सकता है। बुरी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। काम में मन नहीं लगेगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। अकारण क्रोध व उत्तेजना रह सकते हैं। मन में संवेदनशीलता अधिक रहेगी। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न उठाएं।
? *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
वाद-विवाद से अपना पक्ष मजबूत कर पाएंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा। काम में उत्साह व प्रसन्नता से ध्यान दे पाएंगे। नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा। निवेश में जल्दबाजी न करें।
? *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय में वृद्धि होगी। नए मित्र बनेंगे। जीवन सुखमय व्यतीत होगा। चोट व रोग से बचें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
? *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
व्यापार-व्यापार अच्छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जोखिम न लें। प्रमाद से बचें।
? *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है। फालतू खर्च होगा। लाभ के अवसर टलेंगे। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। चोट व रोग से बचें। सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा।
? *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
नौकरी में अमन-चैन रहेगा। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर-मार्केट व म्युचुअल फंड इत्यादि से मनोनुकूल लाभ होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। विवेक का प्रयोग करें। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। प्रसन्नता रहेगी।
*? आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो…*
*?शुभम भवतु?* *????भारत माता की जय??*
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