आचार्य पंडित अच्युतानंद त्रिपाठी से जाने क्या कहते आपके सितारे
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?? *सुप्रभातम्* ??
?««« *आज का पंचांग* »»»?
कलियुगाब्द…………………..5122
विक्रम संवत्………………….2077
शक संवत्…………………….1942
मास…………………………कार्तिक
पक्ष…………………………….कृष्ण
तिथी…………………………द्वादशी
रात्रि 09.26 पर्यंत पश्चात त्रयोदशी
रवि……………………..दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 06.38.54 पर
सूर्यास्त…….संध्या 05.43.09 पर
सूर्य राशि………………………तुला
चन्द्र राशि…………………….कन्या
गुरु राशि………………………..धनु
नक्षत्र……………………………हस्त
रात्रि 01.47 पर्यंत पश्चात चित्रा
योग………………………..विष्कुम्भ
दोप 03.40 पर्यंत पश्चात प्रीती
करण………………………..कौलव
प्रातः 11.06 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु…………………………….शरद
दिन………………………….गुरुवार
?? *आंग्ल मतानुसार :-*
12 नवम्बर सन 2020 ईस्वी ।
⚜ *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
*गोवत्स द्वादशी :-*
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को गोवत्स द्वादशी मनाई जाती है। हिन्दू मान्यताओं और धर्म ग्रंथों के अनुसार ये महत्त्वपूर्ण व्रत और त्योहारों में एक माना गया है। इस दिन गाय तथा उनके बछड़ों की सेवा की जाती है। महिलाओं द्वारा ये व्रत अपने परिवार की समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना से किया जाता है। त्रयोदशी, चतुर्दशी एवं अमावस्या यह तीन *गोत्रिरात्रि व्रत* का पालन भी किया जाता है, *सुरभि गौ* त्रयोदशी को ही मंथन से प्रकट हुई थी |
*धन त्रयोदशी पर्व :-*
धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले मनाई जाती है | जिस प्रकार देवी लक्ष्मी सागर मंथन से उत्पन्न हुई थी उसी प्रकार भगवान धनवन्तरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं. देवी लक्ष्मी धन की देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वस्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है दीपावली दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें
कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है. धन्वन्तरी जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथो में अमृत से भरा कलश था. भगवान धन्वन्तरी चुकि कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए ही इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है. कहीं कहीं लोकमान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि इस दिन धन (वस्तु) खरीदने से उसमें 13 गुणा वृद्धि होती है. इस अवसर पर धनिया के बीज खरीद कर भी लोग घर में रखते हैं. दीपावली के बाद इन बीजों को लोग अपने बाग-बगीचों में या खेतों में बोते हैं.
⚜ *धनवंतरी जयंती :-*
*आविर्बभूव कलशं दधदर्णवाद्यः पियूषपूर्णममरत्व कृते सुराणाम |*
*रुग्जालजीर्ण जनता जनित प्रशंसो, धन्वन्तरिः सभगवान भविकाय भूयात ||*
धन्वन्तरि देवताओं के वैद्य हैं और चिकित्सा के देवता माने जाते हैं इसलिए चिकित्सकों के लिए धनतेरस का दिन बहुत ही महत्व पूर्ण होता है.
धन्वंतरि ईसा से लगभग दस हज़ार वर्ष पूर्व हुए थे। वह काशी के राजा महाराज धन्व के पुत्र थे। उन्होंने शल्य शास्त्र पर महत्त्वपूर्ण गवेषणाएं की थीं। उनके प्रपौत्र दिवोदास ने उन्हें परिमार्जित कर सुश्रुत आदि शिष्यों को उपदेश दिए इस तरह सुश्रुत संहिता किसी एक का नहीं, बल्कि धन्वंतरि, दिवोदास और सुश्रुत तीनों के वैज्ञानिक जीवन का मूर्त रूप है। धन्वंतरि के जीवन का सबसे बड़ा वैज्ञानिक प्रयोग अमृत का है। उनके जीवन के साथ अमृत का कलश जुड़ा है। वह भी सोने का कलश। अमृत निर्माण करने का प्रयोग धन्वंतरि ने स्वर्ण पात्र में ही बताया था। उन्होंने कहा कि जरा मृत्यु के विनाश के लिए ब्रह्मा आदि देवताओं ने सोम नामक अमृत का आविष्कार किया था। सुश्रुत उनके रासायनिक प्रयोग के उल्लेख हैं। धन्वंतरि के संप्रदाय में सौ प्रकार की मृत्यु है। उनमें एक ही काल मृत्यु है, शेष अकाल मृत्यु रोकने के प्रयास ही निदान और चिकित्सा हैं। आयु के न्यूनाधिक्य की एक-एक माप धन्वंतरि ने बताई है। पुरुष अथवा स्त्री को अपने हाथ के नाप से 120 उंगली लंबा होना चाहिए, जबकि छाती और कमर अठारह उंगली। शरीर के एक-एक अवयव की स्वस्थ और अस्वस्थ माप धन्वंतरि ने बताई है। उन्होंने चिकित्सा के अलावा फसलों का भी गहन अध्ययन किया है। पशु-पक्षियों के स्वभाव, उनके मांस के गुण-अवगुण और उनके भेद भी उन्हें ज्ञात थे। मानव की भोज्य सामग्री का जितना वैज्ञानिक व सांगोपांग विवेचन धन्वंतरि और सुश्रुत ने किया है, वह आज के युग में भी प्रासंगिक और महत्त्वपूर्ण है।
? *धनत्रयोदशी के मंगल मुहूर्त :*
*चौघडियानुरूप :*
प्रातः 10.47 से 01.32 पर्यंत
संध्या 05.39 से 08.54 पर्यंत
*वृषभ स्थिर (सर्वश्रेष्ठ) :*
संध्या 05.37 से 07.33 पर्यंत
*विशिष्ठ प्रयोग :-*
1. धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है ।
2. संध्या के समय घर के मुख्य द्वार के बाहर एक पात्र में अन्न रखकर उसके ऊपर चौमुखा दीपक (यमराज की निमित्त) जलाकर दक्षिणाभिमुख होकर उसका यथेष्ठ उपचार पूजन करे ।
पूजन का मन्त्र :
मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति।।
⚜ *अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 11.48 से 12.32 तक ।
?? *राहुकाल :-*
दोपहर 01.32 से 02.55 तक ।
? *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
04:43:48 07:01:28
*वृश्चिक*
07:01:28 09:22:37
*धनु*
09:22:37 11:26:59
*मकर*
11:26:59 13:09:35
*कुम्भ*
13:09:35 14:37:18
*मीन*
14:37:18 16:02:29
*मेष*
16:02:29 17:37:57
*वृषभ*
17:37:57 19:33:47
*मिथुन*
19:33:47 21:48:45
*कर्क*
21:48:45 24:09:28
*सिंह*
24:09:28 26:27:08
*कन्या*
26:27:08 28:43:48
? *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक…………………..3
? शुभ रंग……………..केसरिया
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 10.47 से 12.09 तक चंचल
दोप. 12.09 से 01.32 तक लाभ
दोप. 01.32 से 02.54 तक अमृत
सायं 04.16 से 05.39 तक शुभ
सायं 05.39 से 07.16 तक अमृत
रात्रि 07.16 से 08.54 तक चंचल |
? *आज का मंत्र :-*
।। ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम: नमः ।।
? *सुभाषितानि :-*
चलत्येकेन पादेन तिष्ठत्यन्येन पण्डितः ।
नापरीक्ष्य परं स्थानं पूर्वमायतनं त्यजेत् ॥
अर्थात :-
बुद्धिमान मनुष्य एक पैर से चलता है और दूसरे पैर से खडा रहता है (आधार लेता है) । अर्थात् दूसरा स्थान जाने और पाये बगैर पूर्वस्थान छोडना नहीं ।
? *आरोग्यं :-*
*कपूर के फायदे :-*
*1. स्किन का हेल्दी रहना -*
हर कोई सुंदर दिखना चाहता है, ऐसे में अगर हम कपूर का इस्तेमाल करें, तो हमारी त्वचा ग्लो करने लगेगी। इसके लिए नियमित रूप से रात को सोने से पहले कच्चे दूध में थोडा सा कपूर का पाउडर डालें फिर इसे अपने चेहरे पर रुई की मदद से लगायें। 5 मिनट तक इसे अपने चेहरे पर रहने दें और बाद में अपना चेहरा साफ पानी के साथ धो लें। इसका इस्तेमाल करने से आप का चेहरा साफ हो जाता है और साथ में बहुत ग्लो करने लगता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
? *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
कारोबारी लाभ बढ़ेगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। यात्रा लाभदायक रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। रोजगार में वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम होने से प्रसन्नता रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। निवेश शुभ रहेगा। जल्दबाजी न करें।
? *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। धन की तंगी होगी। बेकार बातों पर ध्यान न दें। विचारों की स्पष्टता न होने से उलझनें रहेंगी। फालतू खर्च होगा। नौकरी में स्थानांतरण या परिवर्तन संभव है।
?? *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। डूबी हुई रकम प्राप्त होने के योग हैं। यात्रा लाभदायक रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। कोई बुरी खबर मिल सकती है। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। आय में वृद्धि होगी।
? *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। मान-सम्मान मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। मनमाफिक स्थानांतरण या पदोन्नति हो सकती है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। कार्यस्थल पर सुधार होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। दूर से अच्छी खबर मिल सकती है।
? *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रतिद्वंद्वी शांत रहेंगे। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। तंत्र-मंत्र में रुचि जागृत होगी। कोई रुका काम बन सकता है। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी।
??♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। यात्रा यथासंभव टालें। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। धैर्य रखें। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि की संभावना है। बिना वजह कहासुनी हो सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। दुष्टजनों से दूरी बनाए रखें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। राजकीय बाधा दूर होगी। तनाव व चिंता में कमी होगी। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट से आशातीत लाभ होगा। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। समय अनुकूल है। प्रसन्नता में वृद्धि होगी।
? *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
जोखिम व जमानत के कार्य टालें। सभी कार्य पूर्ण होंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। भूमि व भवन आदि के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। नौकरी में चैन रहेगा। शत्रु पस्त होंगे। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी।
? *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उत्साह व प्रसन्नता में वृद्धि होगी। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बन सकता है। नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा। शैक्षणिक व शोध कार्य मनोनुकूल रहेंगे।
? *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
प्रियजनों के साथ बेवजह रिश्तों में खटास आ सकती है। लोगों की अपेक्षाएं बढ़ेंगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। हताशा का अनुभव होगा। मन की बात किसी को न बतलाएं। संवेदनशीलता बढ़ेगी। अपरिचित व्यक्तियों पर अंधविश्वास न करें।
? *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। सुख के साधन जुटेंगे। कारोबारी लाभ बढ़ेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। मेहनत का फल प्राप्त होगा। अपेक्षित कार्य समय पर पूरे होंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।
? *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
भूले-बिसरे साथी तथा रिश्तेदारों से मुलाकात होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। अच्छी खबर प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। घर-बाहर प्रसन्नता बनी रहेगी। कोई बड़ा काम करने का मन बनेगा।
☯ *आप सभी को धनत्रयोदशी के पावन अवसर पर आ०पं अच्युता नन्द त्रिपाठी की ओर सेअनंत बधाई… आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
*।। शुभम भवतु ।।*
???? *भारत माता की जय* ??
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