आचार्य पंडित अच्युतानंद त्रिपाठी से जाने क्या कहते है आपके राशिफल आज का पंचांग

कलियुगाब्द……………………..5122
विक्रम संवत्…………………….2077
शक संवत्……………………….1942
मास……………………………..अश्विन
पक्ष……………………………….कृष्ण
तिथी…………………………..चतुर्दशी
संध्या 07.52 पर्यंत पश्चात अमावस्या
रवि………………………….दक्षिणायन
सूर्योदय…………..प्रातः 06.14.29 पर
सूर्यास्त………….संध्या 06.29.38 पर
सूर्य राशि…………………………..सिंह
चन्द्र राशि………………………….सिंह
गुरु राशि……………………………धनु
नक्षत्र……………………………….मघा
दोप 12.14 पर्यंत पश्चात पूर्वाफाल्गुनी
योग………………………………..सिद्ध
प्रातः 07.33 पर्यंत पश्चात शुभ
करण………………………………विष्टि
प्रातः 09.30 पर्यंत पश्चात शकुनि
ऋतु………………………………..शरद
*दिन………………………….बुधवार*
*????? राष्ट्रीय सौर दिनांक २५ भाद्रपद ( नभस्यमास ) !*
*?? आंग्ल मतानुसार दिनांक १६ सितम्बर सन २०२० ईस्वी !*
?? *राहुकाल* :-
दोपहर 12.21 से 01.52 तक ।
? *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*सिंह*
04:06:47 06:18:37
*कन्या*
06:18:37 08:29:16
*तुला*
08:29:16 10:43:53
*वृश्चिक*
10:43:53 13:00:03
*धनु*
13:00:03 15:05:42
*मकर*
15:05:42 16:52:50
*कुम्भ*
16:52:50 18:26:24
*मीन*
18:26:24 19:57:35
*मेष*
19:57:35 21:38:18
*वृषभ*
21:38:18 23:36:56
*मिथुन*
23:36:56 25:50:37
*कर्क*
25:50:37 28:06:47
? *दिशाशूल* :-
उत्तरदिशा – यदि आवश्यक हो तो तिल का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक……………………..7
? शुभ रंग……………………..हरा
⚜ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.47 से 09.18 तक अमृत
प्रात: 10.49 से 12.20 तक शुभ
दोप 03.22 से 04.53 तक चंचल
सायं 04.53 से 06.24 तक लाभ
रात्रि 07.53 से 09.22 तक शुभ ।
? *आज का मंत्र* :-
|| ॐ पुरुहूतप्रियायै नम: ||
? *संस्कृत सुभाषितानि :-*
विशुध्यति हुताशेन सदोषमपि काञ्चनम् ।
तद्वत् तथैव जीवोऽयं तप्यमानस्तपोऽग्निना ॥
अर्थात :-
दोषयुक्त सोना (सुवर्ण) भी अग्नि से शुद्ध होता है, वैसे यह (संसार से तप्त) जीव तपरुप अग्नि से शुद्ध होता है ।
? *आरोग्यं :*-
*मिर्गी के घरेलू उपचार :-*
*सेंधा नमक :-*
सेंधा नमक मैग्नीशियम में समृद्ध है जो प्रभावित व्यक्ति के मस्तिष्क से निकलने वाले विद्युत संकेतों को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, मैग्नीशियम मिर्गी के कारण होने वाले के जोखिम को कम करता है। यह मिर्गी का देसी इलाज के तौर पर काम करता है।
*नारियल पानी :-*
नारियल का पानी बहुत अधिक प्रभावी है। नारियल का पानी पीना हाइड्रेटेड और शरीर के कामकाज में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। यह मिर्गी के उपचार के तौर पर काम करता है।
*तुलसी :*
मिर्गी दौरा की दवा में तुलसी भी बहुत ही प्रभावशाली है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क में फ्री रेडिकल्स को ठीक करते हैं। तुलसी के पत्तों को पीसकर शरीर पर मलने से मिर्गी के रोगी को फायदा होता है। इसके अलावा तुलसी की पत्तियों के साथ कपूर सुंघाने से मिर्गी के मरीज को होश आ जाता है।
⚜ *आज का राशिफल* ⚜
? *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
मित्रों व रिश्तेदारों का सहयोग करने का अवसर प्राप्त होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। पहले की गई मेहनत का फल मिलेगा। जल्दबाजी से बचें। कठिन कार्य सहज ही सफल होंगे। चिंता रहेगी।
? *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बना रहेगा। व्यय होगा। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। भूले-बिसरे संबंधी साथी मिलेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा।
?? *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
आलस्य न कर भरपूर प्रयास करें। भाग्य का साथ बना है। समय का लाभ लें। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। किसी बड़े काम को करने की प्रबल इच्छा होगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। यात्रा से लाभ होगा। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है।
? *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
किसी बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। किसी के उकसाने में आकर या भावना में बहकर कोई निर्णय न लें। फालतू खर्च पर नियंत्रण रखें। दुष्टजनों से सावधानी आवश्यक है। लेन-देन में जल्दबाजी से बचें। पुराना रोग उभर सकता है।
? *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
किसी से कहासुनी हो सकती है। परिवार की चिंता रहेगी। ऐश्वर्य के साधनों पर खर्च होगा। यात्रा लाभदायक रहेगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। रुका हुआ पैसा मिलने के योग हैं। शत्रु सक्रिय रहेंगे। प्रमाद न करें।
??♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
कार्यस्थल पर परिवर्तन संभव है। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। नौकरी में चैन रहेगा। नए काम मिलने के योग हैं। कोई नया उपक्रम प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार अच्छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
⚖️ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। किसी धर्मस्थल के दर्शन इत्यादि का कार्यक्रम बन सकता है। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। विवाद को टालें। कारोबार से लाभ होगा।
? *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। शत्रु पस्त होंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। नौकरी में कार्यभार रहेगा। चोट व दुर्घटना से शारीरिक हानि हो सकती है। कार्य करते समय लापरवाही न करें। मित्रों का सहयोग समय पर प्राप्त होगा।
? *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
कारोबार अच्छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। विवाद से बचें। समय सुखमय व्यतीत होगा। आय में वृद्धि होगी। अपेक्षाकृत सभी कार्य समय पर पूरे होंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। प्रमाद न करें।
? *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
प्रतिद्वंद्वी मैदान छोड़ेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। भूमि व भवन संबंधी सभी रुके कार्यों में गति आएगी। पार्टनरों से सहयोग प्राप्त होगा। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। उन्नति होगी।
? *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
नौकरी में कोई नया कार्य कर पाएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। जल्दबाजी न करें। लेखन-पठन-पाठन आदि के काम उत्साह व लगन से कर पाएंगे। पार्टी व पिकनिक आदि की योजना बनेगी। मनोरंजन का अवसर प्राप्त होगा। समय की अनुकूलता का लाभ लें।
? *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
समय पर काम न होने से खिन्नता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। नौकरी में उच्चाधिकारियों की अपेक्षा बढ़ेगी। कोई बुरी खबर प्राप्त हो सकती है, धैर्य रखें। मेहनत अधिक होगी। स्वास्थ्य कमजोर रह सकता है। आय में निश्चितता रहेगी।
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कलियुगाब्द……………………..5122 विक्रम संवत्…………………….2077 शक संवत्……………………….1942 मास……………………………..अश्विन पक्ष……………………………….कृष्ण तिथी…………………………..चतुर्दशी संध्या 07.52 पर्यंत पश्चात अमावस्या रवि………………………….दक्षिणायन सूर्योदय…………..प्रातः…