जाने रविवार का राशिफल जुड़े रहे हमारे साथ

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?? *सुप्रभातम्* ??
?««« *आज का पञ्चांग* »»»?
कलियुगाब्द…………………….5122
विक्रम संवत्……………………2077
शक संवत्……………………..1942
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष………………………………कृष्ण
तिथी……………………….अमावस्या
प्रातः 10.38 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि………………………..दक्षिणायन
सूर्योदय………..प्रातः 06.40.55 पर
सूर्यास्त………..संध्या 05.43.38 पर
सूर्य राशि………………………..तुला
चन्द्र राशि……………………….तुला
गुरु राशि…………………………धनु
नक्षत्र……………………….विशाखा
संध्या 05.12 पर्यंत पश्चात अनुराधा
योग…………………………..शोभन
रात्रि 11.05 पर्यंत पश्चात अतिगंड
करण……………………………नाग
प्रातः 10.38 पर्यंत पश्चात किस्तुघन
ऋतु…………………………….शरद
दिन………………………….रविवार
?? *आंग्ल मतानुसार :-*
15 नवम्बर सन 2020 ईस्वी ।
? *तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-*
*गोवर्धन पूजा :: अन्नकूट :: धोक पड़वा -*
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। गोवर्धन को ‘अन्नकूट पूजा’ भी कहा जाता है। दिवाली के अगले दिन पड़ने वाले त्योहार पर लोग घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करते हैं और परिक्रमा लगाते हैं। इस दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगाकर सभी को प्रसाद दिया जाता है।
*गोवर्धन पूजा की कथा…*
श्री कृष्ण ने देखा कि सभी बृजवासी इंद्र की पूजा कर रहे थे। जब उन्होंने अपनी मां को भी इंद्र की पूजा करते हुए देखा तो सवाल किया कि लोग इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? उन्हें बताया गया कि वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती और हमारी गायों को चारा मिलता है। तब श्री कृष्ण ने कहा ऐसा है तो सबको गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं।
उनकी बात मान कर सभी ब्रजवासी इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और प्रलय के समान मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा कर ब्रजवासियों की भारी बारिश से रक्षा की थी। इसके बाद इंद्र को पता लगा कि श्री कृष्ण वास्तव में विष्णु के अवतार हैं और अपनी भूल का एहसास हुआ। बाद में इंद्र देवता को भी भगवान कृष्ण से क्षमा याचना करनी पड़ी। इन्द्रदेव की याचना पर भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और सभी ब्रजवासियों से कहा कि अब वे हर साल गोवर्धन की पूजा कर अन्नकूट पर्व मनाए। तब से ही यह पर्व गोवर्धन के रूप में मनाया जाता है।
☸ शुभ अंक……………………..6
? शुभ रंग…………………….लाल
⚜ *अभिजीत मुहूर्त :-*
दोप 11.49 से 12.33 तक ।
?? *राहुकाल :-*
संध्या 04.16 से 05.38 तक ।
? *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*तुला*
04:31:59 06:48:27
*वृश्चिक*
06:48:27 09:10:45
*धनु*
09:10:45 11:15:09
*मकर*
11:15:09 12:57:46
*कुम्भ*
12:57:46 14:25:28
*मीन*
14:25:28 15:50:39
*मेष*
15:50:39 17:26:07
*वृषभ*
17:26:07 19:21:58
*मिथुन*
19:21:58 21:36:56
*कर्क*
21:36:56 23:57:38
*सिंह*
23:57:38 26:15:19
*कन्या*
26:15:19 28:31:59
? *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो दलिया, घी या पान का सेवनकर यात्रा प्रारंभ करें ।
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 08.04 से 09.26 तक चंचल
प्रात: 09.26 से 10.48 तक लाभ
प्रात: 10.48 से 12.10 तक अमृत
दोप. 01.32 से 02.54 तक शुभ
सायं 05.38 से 07.16 तक शुभ
संध्या 07.16 से 08.54 तक अमृत
रात्रि 08.54 से 10.32 तक चंचल ।
? *आज का मंत्रः*
॥ ॐ आदित्याय नम:॥
*संस्कृत सुभाषितानि :-*
गणनाथ सरस्वती रवि शुक्र बृहस्पतिन् ।
पञ्चैतानि स्मरेन्नित्यं वेदवाणी प्रवृत्तये ॥
अर्थात :
गणेश, सरस्वती, रवि, शुक, और बृहस्पति, इन पाँचों का स्मरण करके हि वेदपठन में प्रवृत्त होना चाहिए ।।
? *आरोग्यं सलाह :-*
*कपूर के फायदे :-*
*4. जोड़ों का दर्द -*
जोड़ों के दर्द के लिए कपूर बहुत ही लाभकारी होता है। जब भी हमारे जोड़ों में दर्द होती है तो हमें कपूर से मालिश करनी चाहिए। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
*5. लूज मोशन में राहत -*
मौसम के बदलने पर या बाहर का कुछ खा लेने पर हमें अक्सर लूज मोशन की शिकायत हो जाती है, ऐसे में हमें कपूर, अजवाइन, पिपरमेंट को बराबर मात्रा में मिलाकर कांच की बरनी में भर लेना चाहिए, फिर इसको धूप में रख दें। छह से आठ घंटे तक इसे वही रहने दें, फिर इसे वहां से उठा लें, जो मिश्रण तैयार हुआ है उसकी चार से पांच बूंदे शरबत बना कर पियें।
*6. दांत के दर्द से राहत -*
जब भी आपके दांत में दर्द हो तो आपको कपूर का पाउडर बनाकर दर्द वाली जगह पर लगाना चाहिए इससे आपको दर्द से निजात मिलता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
? *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
सामाजिक काम करने की इच्छा प्रबल होगी। मान-सम्मान मिलेगा। वाणी में संयम रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। प्रयास सफल रहेंगे। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। नौकरी में नई जिम्मेदारी मिल सकती है। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी।
? *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
किसी मांगलिक कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूर से शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आत्मविश्वास बढ़ेगा। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। घर में अतिथियों का आगमन होगा। ईर्ष्यालु व्यक्तियों से सावधान रहें। धन प्राप्ति सु्गम होगी।
?? *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग बनते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़ी समस्या का हल मिल सकता है। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य खराब हो सकता है। धनार्जन होगा।
? *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आशा व निराशा के भाव रहेंगे। खर्च से हाथ तंग रहेगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेंगे। किसी अपने ही व्यक्ति से कहासुनी हो सकती है। आय में कमी होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आ सकते हैं। जोखिम बिलकुल न उठाएं।
? *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। भाग्य का साथ मिलेगा। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। कारोबार में वृद्धि होगी। थकान व कमजोरी रह सकती है।
??♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
नई आर्थिक योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। काफी समय से रुके काम पूर्ण हो सकते हैं। मान-सम्मान मिलेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। चुगलखोरों से सावधान रहें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। प्रमाद न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
कोर्ट-कचहरी व सरकारी कार्यालय के काम मनोनुकूल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। घर-परिवार की चिंता रहेगी। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट संभव है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। तीर्थयात्रा की योजना बनेगी। जल्दबाजी से बचें।
? *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि हो सकती है। किसी भी तरह के विवाद में भाग न लें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। कुसंगति से बचें। महत्वपूर्ण निर्णय टालें।
? *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
दांपत्य जीवन में आनंद रहेगा। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कार्यालयों में रुके कार्य मनोनुकूल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। कुंआरों को वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें।
? *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
घर के वृद्धजनों के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। भय रहेगा। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। आवश्यक वस्तु गुम हो सकती है। समय पर नहीं मिलेगी। तनाव रहेगा। लाभ होगा।
? *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
विद्यार्थी वर्ग अपने शिक्षण-अध्ययन संबंधी कार्य में सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। जल्दबाजी में कोई कार्य न करें तथा विवाद की स्थिति न आने दें। किसी मनोरंजक यात्रा का आयोजन हो सकता है। कोई अरुचिकर घटना संभव है।
? *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
भावना को वश में रखें। मन की बात किसी को न बतलाएं। नौकरी में अपेक्षाएं बढ़ेंगी। धैर्यशीलता की कमी रहेगी। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। व्यवसाय ठीक चलेगा। कोई बड़ी धनहानि की आशंका है। लापरवाही न करें। आय में निश्चितता रहेगी। भागदौड़ होगी।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
?? *गोवर्धन पूजा, अन्नकूट एवं धोक पड़वा पर आप सभी को अनन्त बधाई… समस्त गुरुजन एवं वरिष्ठों को सादर चरण स्पर्श…*
।। ? *शुभम भवतु* ? ।।
???? *भारत माता की जय* ??
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