तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने की आदत डाल लीजिए, दूर रहेंगी बीमारियां, जानिए क्या हैं इसके फायदे
बस्ती। पुराने समय में घरों में खाना बनाने के लिए तांबे के बर्तन का उपयोग होता था। यह यूं ही नही था, तांबे के बर्तन सेहत के लिए उम्मीद से कहीं अधिक फायदेमंद होते हैं। आजकल के दौर में हमारी रसोई घर में स्टील, चीनी मिट्टी और फाइबर के बर्तनों ने उसकी जगह जगह ले ली है। जिसके फायदे तो कोई नहीं है, लेकिन नुकसान कई तरह से सेहत को पहुंचाते हैं। फिर भी आजकल के समय में ताबे का बर्तन उपयोग करना व्यवहारिक नहीं रह गया है। लेकिन इस समस्या का भी समाधान है। हम अपनी पानी पीने की आदतों में बदलाव तो कर सकते हैं। आपको सिर्फ इतना करना है कि रोजाना रात में तांबे के बर्तन में पानी भरकर रख दीजिए और उसे सुबह पी लीजिए। हो सके तो दिनभर इसी ताम्रपात्र में रखे पानी का सेवन करें तो सेहत को कई तरह से फायदा होगा। जानकर हैरान होंगे कि तांबे के बर्तन में पानी रखने से उसके सारे विषाणु मर जाते हैं। माना जाता है कि इससे शरीर स्वस्थ व निरोग रहता है। इससे शरीर में कॉपर की कमी पूरी होने के साथ बीमारी पैदा करने वाले जीवाणुओं से रक्षा होती है। इतना ही नहीं, ऐसा करने से बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है।
बासी नही होता पानी
अगर आप यह सोच रहे हों कि तांबे के बर्तन में रखा पानी कुछ घंटों बासी हो जाएगा, तो यह जानना जरूरी है कि तांबे के बरतन में रखे पानी की खास बात यह है कि यह पानी कभी भी बासी नहीं होता। लंबे समय के लिए ताजा रहता है।इसमें रखे पानी के सेवन से शरीर वात, पित्त और कफ तीनों को ही संतुलित कर पाता है। पुराने समय में लोग इस विधि का प्रयोग सुबह की दिनचर्या में जरूर शामिल किया करते थे। आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर के कई दोष शांत रहते हैं। आयुर्वेद यह भी कहता है कि जिस धातु से बने बर्तन में पानी रखा जाता है। पानी उस धातु के गुण को सूक्ष्म मात्रा में अवशोषित कर लेता है। जो शरीर में जाने के बाद जिस रोग से संबंधित उसके गुण होते हैं उन रोगों को दूर करने में उस बर्तन में रखा पानी मददगार होता है।
बैक्टीरिया खत्म कर देता है तांबा
नियमित रूप से तांबे के बर्तन में पानी पीने से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकाले जा सकते हैं। इसे शुद्ध माना जाता है। क्योंकि यह सभी प्रकार के बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। पानी को कम से कम आठ घंटे तक तांबे के बर्तन में रखने के बाद प्रयोग में लाना चाहिए। एक अध्ययन के अनुसार तांबे के पात्र में जल रखने से इसकी अशुद्धियों को भी कम करता है। किया जा सकता है। 16 घंटे तक तांबे के पात्र में पानी रखने से उसमें मौजूद ज्यादातर जीवाणु मर गए। उस पानी में विशेष रूप से मौजूद ‘पेचिश के विषाणु’ और ‘ई-कोलाई’ के अमीबा तो पूरी तरह समाप्त हो जाते हैं।
पेट के रोग को रखे दूर
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से पेट की सफाई भी होती है। आयुर्वेद में तांबे की मदद से औषधियों का निर्माण भी किया जाता है। यह पेट के रोग, ज्वर, लीवर रोग, हिचकी, अफारा, अतिसार, पीलिया, हैजा और किडनी की पथरी के लिए फायदेमंद है।
कैंसर से भी बचाता है
तांबे में रखे पानी को पीने से कैंसर की समस्या से लड़ने की क्षमता में बढ़ोतरी होती है। शरीर के घाव आंतरिक हो या बाहरी हो वह जल्दी ही भरने में मदद करने में काफी मददगार साबित होता है।
लीवर-किडनी को रखे स्वस्थ
तांबे के बर्तन में रखा पानी लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है। किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से निपटने में तांबे के बर्तन में रखा पानी लाभदायक होता है। यह शरीर की आंतरिक सफाई के लिए बेहतर होता है।
तो नही मिलेगा फायदा
तांबे के बर्तन में पानी रखने के लिए कुछ अहम बातों पर भी गौर करना होगा। अधिकांश लोग घरों में इसके स्वास्थ्य लाभ देखते हुए तांबे के जग या ग्लास में पानी रखकर उसे पीते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि पानी भरने के बाद बर्तन को कभी भी जमीन पर न रखें। अगर ऐसा किया तो इसका कोई भी लाभ नहीं मिलेगा। तांबे के बर्तन की ठीक से सफाई भी जरूरी है। क्योंकि सफाई न करने से बर्तन पर कॉपर ऑक्साइड की परत जमने लगती है, जिससे तांबे के बर्तन में पानी पीना नुकसान भी कर सकता है।
(नोट: यह लेख जानकारी बढ़ाने के लिए है। कोई उपाय करने से पहले अपने चिकित्सक की राय जरूर लें)
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