धरा रह गया पिता की तेरहवीं एवं बेटे की शादी का अरमान

अम्बेडकरनगर। जिले के राजेसुल्तानपुर थाना क्षेत्र के माझा कम्हरिया में हुए गोलीकांड में रामदरश की मौत से दो अरमान धरे के धरे रह गए। दबंगों के कहर ने पिता को अपने बेटे का सेहरा भी नहीं देखने दिया।जमीनी विवाद में दबंगों द्वारा की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में मृत रामदरश का बेटे के सिर पर सेहरे सजाने के अरमान ने भी दम तोड़ दिया।
बताया जाता है रविवार की देर शाम दबंगों द्वारा खेत की जुताई का विरोध करने गए रामदरश यादव को दबंगों गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। रामदरश के पुत्र अरुण यादव की शादी आगामी पांच मार्च को थी। शादी के पहले ही उसके बाबा त्रिभुवन यादव की मौत हो गई। परिवार बाबा की तेरही के बाद शादी को टालने के बजाय निपटाने के लिए जुटा भी था। अरुण की बारात पांच मार्च को आजमगढ़ जनपद के कौड़िया बाजार के निकट लखमीपुर गांव में जाने वाली थी। अरुण को भी आंख के पास गोली लगी है। जमीनी विवाद में दबंगों के कहर के शिकार हुए रामदरश का बेटे की शादी का अरमान धरा का धरा रह गया।रामदरश को उसकी मौत खेत तक खींच ले गई।
बता दें कि 16 फरवरी पिता त्रिभुवन का देहांत हो गया था ।रामदरश ने दाह संस्कार किया था ,ऐसी दशा में दाग लेने के चलते एक निश्चित स्थान से इधर उधर जाने की मनाही होती है लेकिन विवाद की सूचना पाकर विवाद की सूचना पाकर रामदरश मौके पर पहुंच गए और आरोपियों की तरफ से चली गोली का शिकार हो गए।