नम आंखों से शिक्षामित्र नेता रमेश मिश्र को दी गई श्रद्धांजलि
रमेश मिश्र के संघर्ष को नहीं भूल सकता शिक्षामित्र- वीरेंद्र शुक्ल

बस्ती, यूपी। बस्ती जिले के लोहिया काम्प्लेक्स स्थित शिक्षामित्र कार्यलय पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष रमेश मिश्र के निधन पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। संघ जिलाध्यक्ष वीरेंद्र शुक्ल की अध्यक्षता में रविवार को आयोजित शोकसभा में बस्ती के शिक्षामित्रों ने श्रीमिश्र के चित्र पर नम आंखों से पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी।
आपको बता दें बस्ती जनपद के निवासी रमेश चंद्र मिश्र विगत दो दशक से उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की स्थापना से लेकर लगातार प्रदेश कार्यकारणी में कोषाध्यक्ष व उपमहामंत्री जैसे पदों की जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए लगातार उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के हितों को लेकर संघर्ष करते रहे। बीते कुछ दिनों से वह अस्वस्थ चल रहे थे और 21 मई को इलाज के दौरान निधन हो गया। घटना के बाद पूरे प्रदेश के शिक्षामित्रों में शोक की लहर है।
आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए जिलाध्यक्ष वीरेंद्र शुक्ल ने कहा कि स्वर्गीय श्री रमेश चन्द्र मिश्र जी अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके द्वारा शिक्षामित्रों के हित के लिए किए गए कार्य सदैव स्मरण रहेंगे। रमेश मिश्र जी के संघर्षों को उत्तर प्रदेश का शिक्षामित्र कभी भूल नहीं पायेगा। कहा कि श्री मिश्र जी संगठन के उन संस्थापक सदस्यों में से एक थे जिन्होंने शिक्षामित्रों को शून्य से लेकर शिखर तक पहुंचाने का कार्य किया और अपने कठिन संघर्ष व कुशल रणनीति से प्रदेश के पौने दो लाख शिक्षामित्रों के हितों को लेकर लगातार संघर्ष करते रहे। आज उनके निधन से उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों को अपूरणीय क्षति हुई है जिससे पूरे प्रदेश के शिक्षामित्र आहत व दुःखी हैं।
शिक्षामित्र व शिक्षक नेता प्रवीण श्रीवास्तव ने कहा कि रमेश मिश्र जी ने अपना पूरा जीवन ही शिक्षामित्रों के लिए समर्पित कर दिया था। आज वह हमारे बीच भले ही नही है लेकिन उनके द्वारा किया गया संघर्ष उत्तर प्रदेश का शिक्षामित्र कभी नही भूल पायेगा।
श्रद्धांजलि व शोकसभा के दौरान मुख्यरूप से मुक्तेश्वर यादव, संजय यादव, आनंद दूबे, दिनेश उपाध्याय, अमित सिंह, सूर्यप्रकाश शुक्ल, ऋषिकांत तिवारी, वसीउल्लाह, पतिराम सहित बड़ी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।