लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में गई मनाई

Google News
लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रुप में गई मनाई

बस्ती। इन्द्रासन सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजकीय महाविद्यालय पचवस में शनिवार को लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप मनाया गया तथा महर्षि वाल्मीकि जयंती पर आदिकवि को भी स्मरण किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में सभी प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने देश की एकता एवं अखण्डता को अक्षुण्ण रखने के लिए राष्ट्रीय एकता की शपथ ग्रहण किया। कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए संयोजक डाॅ. विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि सरदार पटेल भारत की एकता एवं अखण्डता के प्रतीक हैं। उनका जीवन सादा था, किन्तु वे दृढ़प्रतिज्ञता, कर्मठता एवं कृतसंकल्पता जैसे महान गुणों के सजग प्रतीक थे। उन्हों ने सरदार पटेल के जीवन के विविध प्रसंगों की चर्चा करते हुए कहा कि महान व्यक्ति अपने जीवन के माध्यम से भी सम्पूर्ण देश को संदेश देते हैं। महर्षि वाल्मीकि को याद करते हुए कहा कि कविता में करुणा की स्थापना का सम्पूर्ण श्रेय महर्षि वाल्मीकि को है। क्रौंचवध के समय उनके मुख से निःसृत श्लोक समूची भारतीय कविता की प्रेरणाधारा है। महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण भारतीय सभ्यता का एक अमूल्य दस्तावेज है। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष श्री अशोक कुमार गुप्त ने कहा कि भारत भौगोलिक विविधताओं का देश है जिसके साथ सांस्कृतिक विविधताएंं एक अनिवार्य तत्व के रूप में उपस्थित हैं। विभिन्न बोलियों, रीति-रिवाजों, प्राकृतिक परिदृश्यों से मिलकर जिस भारत का निर्माण होता है, वह एक भारतीय के रूप में समन्वित एकता का प्रतीक है। एक नागरिक के रूप में हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम इस एकता और अखण्डता को बनाये रखने के लिए निरंतर सन्नद्ध रहें। छात्रों की ओर से वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए बीए तृतीय वर्ष के छात्र आकाश यादव ने कहा कि एकता शब्द अपने मूल में ही अत्यंत अर्थवान हैं। जैसे अक्षरों से जुड़कर शब्द बनते हैं और उनसे जुड़कर वाक्य, वैसे ही देश के नागरिकों के जुड़ाव से देश के स्वरूप में एकता की भावना का संचार होता है। आकाश के अनुसार विविधता में एकता ही भारत की पहचान का मूलमंत्र हैं। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डाॅ. आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि आज का दिन बहुत विशेष है महर्षि वाल्मीकि और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के साथ-साथ आज भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्व. इन्दिरा गांधी का शहादत दिवस भी है। हमें आज इस महत्वपूर्ण दिन के मूल्य को समझना चाहिए और यह संकल्प लेना चाहिए कि इन महापुरुषों के स्वपनों को हम साकार करेंगे। कोई भी देश तभी उत्कर्ष को प्राप्त कर सकता है जब एक नागरिक के रूप में हम एकता और अखण्डता के प्रति कृतसंकल्पित हों। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डाॅ. हरेन्द्र विश्वकर्मा, डाॅ. प्रमोद कुमार मिश्र, डाॅ. विशाल श्रीवास्तव एवं डाॅ. विजय कुमार, विजय कुमार, युवराज सिंह, राजू गुप्ता, सुखपाल वर्मा, कंचन निषाद आदि शामिल रहें।

Tags:

About The Author

बस्ती। इन्द्रासन सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजकीय महाविद्यालय पचवस में शनिवार को लौहपुरुष सरदार वल्लभ…

Related Posts

Latest News

Ojha Alignment Center Basti UP || कार के टायर्स को कब कराएं व्हील एलाइनमेंट और रखें सेफ, आएं ओझा एलाइनमेंट सेंटर Ojha Alignment Center Basti UP || कार के टायर्स को कब कराएं व्हील एलाइनमेंट और रखें सेफ, आएं ओझा एलाइनमेंट सेंटर
Ojha Alignment Center Basti UP || आपके कार के टायर्स का पूरी तरह से ख्याल रखना भी उतना ही जरूरी...
HDFC Kishor Mudra Loan 2024 || अब घर बैठे पाए 10 लाख तक का लोन || HDFC बैंक की यह योजना है सबसे बेहतर
Vande Bharat Train|| Bhartiya Railway || अब सफर को और आरामदायक बनाएगा रेलवे का यह नया अपडेट, आप भी जानें
Cibil Score Kaise Badhaye: पर्सनल लोन Personal Loan के लिए कितना सिबिल स्कोर जरूरी?
UP Weather: UP के इन जिलों में बिगड़ेगा मौसम, झमाझम बारिश, आंधी तूफान व ओले का भी अलर्ट
Vivo Phone का नया धमाका, अब आ रहा दमदार फीचर्स के साथ Vivo Y38 5G स्मार्टफोन
Shikshamitra News: यहां बीएसए नें शिक्षामित्र की सेवा सामाप्ति का दिया निर्देश, वजह जान आप भी हो जाएंगे हैरान