मानवता के पोषक व पापाचारियों के संहारक थे भगवान परसुराम-चन्द्रमणि पाण्डेय

हरैया। एस.डी.चिल्ड्रेन एकेडमी आदर्शग्राम सहरायें में परसुराम जयन्ती के अवसर पर भगवान परसुराम की पूजा अर्चना करते हुए सामाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी ने कहा कि भगवान परसुराम ब्राह्मण नहीं ब्रम्ह अर्थात समस्त जैव जगत के पोषक व पापाचारियों के संहारक थे ब्राह्मण वही जो ब्रम्ह को जाने ब्रम्ह का तात्पर्य ब्रम्हांड से अर्थात सम्पूर्ण सृष्टि से है हमें जाति धर्म का पोषक नहीं अपितु समस्त मानवजाति के पोषक पोषण संरक्षण करना होगा हम सुदामा बनकर अपने सिद्धांत के आगे लोगों को झुकने पर विवश करें व अन्यायी आतातायी के लिए परसुराम बनकर उसका दमन कर सुदामा व परशुराम दोनों के आदर्शों को लेकर चलें जब कोई धर्म से विमुख हो तो दण्ड दें किन्तु सिर्फ दोषी को उन्होंने कहा कि परसुराम जी क्षत्रिय संहारक नहीं अपितु अत्याचार के संहारक थे वरन सुदूर तपस्या में लीन जो परसुराम जी यह जान गये कि शिवधनुष टूट गया क्या उन्हे चक्रवर्ती सम्राट दशरथ सहित अन्य क्षत्रिय राजाओं के विषय में जानकारी नहीं थी किन्तु वो मनवता व धर्म के पोषक थे उन्होने कहा कि आज हम संकल्प लें कि आसुरी प्रवृत्तियों का दमन व मानव मूल्यों की स्थापना करते हुए विश्व बन्धुत्व के मार्ग पर चलते हुए मानव से मानव प्रेम स्थापित करना सबसे बडा धर्म है व भगवान परसुराम के प्रति सच्ची श्रद्धा भक्ती है जबकि जाति धर्म के आधार पर समाज में घृणा व नफरत फैलाना अधर्म है उन्होने कहा कि विग्यान के अनुसार द्रव्य व आध्यात्म के अनुसार आत्मा अविनाशी है इसका रूप बदलता है ये नष्ट नहीं होता ऐसे में अगले जन्म में हम किस रूप में या किस योनि में जन्म लेंगें किसे पता जो आज हिन्दू है कल मुसलमान सिख्ख ईसाई नही होगा जो दलित वो सवर्ण जो सवर्ण है वैकवर्ड नहीं होगा क्या फिर जाति धर्म का नफरत क्यों इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने मानव कल्याण हेतु कार्य करने का संकल्प लेते हुए हुए शोषल डिस्टेंस का पूर्ण अनुपालन करते हुए भगवान परसुराम की पूजा आर्चना की इस मौके पर कृपाशंकर शुक्ल, चन्द्रप्रकाश तिवारी, घनश्याम पाण्डेय, मुकेश शुक्ल, पवन शुक्ल, चन्द्रप्रकाश पाण्डेय,बुद्धिसागर पाण्डेय, विकास शुक्ल सहित दर्जनों लोक मौजूद रहे
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हरैया। एस.डी.चिल्ड्रेन एकेडमी आदर्शग्राम सहरायें में परसुराम जयन्ती के अवसर पर भगवान परसुराम की पूजा…