बासमती प्रजाति का सांठा धान तैयार,किसानों के लिए साबित हुआ वरदान
किसानों के लिए वरदान साबित हुआ बालमती साठा धान
–धान पक्क कर तैयार एक हफ्ते में होगी कटाई
–भीषण गरमी में तैयार हुई धान की फसल
दुबौलिया,बस्ती। दुबौलिया विकास खण्ड के राम जानकी मार्ग डेईडीहा बुर्जुग में भीषण गरमी में धान की फसल पक्क कर लहलहा रही है। साठा धान वासमती चावल जैसा है। एक सप्ताह में कटाई शुरु हो जायेगी। सपा के वरिष्ठ नेता एवं आवास विकास परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि किसानों के बरदान है धान की फसल जो भीषण गरमी के बाद तैयार हो गयी है।
सपा नेता सिद्धार्थ सिंह के पिता प्रहलाद सिंह ने बताया कि 30 मार्च को बासमती जैसा साठा धान की प्रयोग के तौर पर रोपाई कराये थे। लगभग 80 दिन में धान की फसल पक्क कर तैयार हो गई। यह फसल किसानों के लिए बरदान साबित हुई है। इस फसल से किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है।
श्री सिंह ने बताया कि उत्तराखण्ड में साठा धान की खेती है। 60 दिनों में रोपाई होती है। पैदावार भी अच्छी मिलती है। वहां के किसान धान की फसल से अच्छा विकास कर रहे है। इस धान का चावल बासमती के टक्कर का होता है।
हमारा प्रयोग सफल हुआ है। किसान परम्परा गत खेती कर रहे है। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक ढंग से खेती करने से आय के साथ पैदावार भी अच्छी मिल सकेगी। इस खेती में लागत मामूली ही है।
सपा नेता सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि प्रयोग के तौर पर पिता जी उतराखण्ड से धान का बीज मंगवाये थे। मार्च माह में रोपाई कराई गई। भीषण गरमी होने के बाद भी धान की फसल तैयार हो गई है। इलाके के किसानों के लिए बरदान है। किसान इस फसल से तीन बार धान की रोपाई कर कटाई कर सकते है।
धान की फसल बनी चर्चा
राम जानकी मार्ग पर धान की पक्क कर तैयार फसल किसानों में चर्चा बनी हुई है। भीषण गरमी के बाद भी धान की फसल तैयार हो गई। राम जानकी मार्ग से गुजरने वाला व्यक्ति भी ठहर कर धान की फसल को देखता है।
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किसानों के लिए वरदान साबित हुआ बालमती साठा धान –धान पक्क कर तैयार एक हफ्ते…