सपा बसपा ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझकर किया इस्तेमाल : किताबुल्लाह अंसारी

संतकबीरनगर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री स्व० बरकतुल्लाह खां की पुण्यतिथि के अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी (अल्पसंख्यक विभाग) द्वारा रविवार को पार्टी कार्यालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रदेश सचिव किताबुल्लाह अंसारी ने कहा कि सन् 1920 में जोधपुर शहर में पैदा हुए बरकतुल्लाह खां राजस्थान के इकलौते मुस्लिम मुख्यमंत्री रहे । तिजारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बरकतुल्लाह खां 1971 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लिये। परन्तु दुर्भाग्यवश 1973 में दिल का दौरा पड़ने की वजह से निधन हो गया। अपने बहुत छोटे से कार्यकाल में उन्होंने अपनी छवि जनहित व कुशल प्रशासक की बना लिया था। उन्होंने नौकरशाही के दबाव को खत्म कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का सुधारात्मक काम किया। साथ ही आरक्षित वर्ग को राहत प्रदान करते हुए प्रदेश में आरक्षित वर्ग के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने पर उनकी जगह दूसरे वर्गों से नहीं भरकर खाली रखने का निर्णय लिया। जिससे भविष्य में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को ही अवसर मिले। वह फिरोज गांधी के बहुत करीबी मित्र थे।
वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए श्री अंसारी ने कहा कि मुस्लिम समाज को इस पर सोचना होगा कि आखिर सपा बसपा ने मुसलमानों से वोट लेकर भी कभी किसी मुसलमान को उपमुख्यमंत्री तक क्यों नहीं बनाया। जबकि कांग्रेस राजस्थान, कश्मीर, पांडिचेरी, महाराष्ट्र, आसाम और बिहार में मुख्यमंत्री तक बनाये थे। मुसलमानों के कांग्रेस से दूर होते ही मुसलमानों का सियासी अस्तित्व कम हो गया। सपा, बसपा ने मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझकर इस्तेमाल किया।
संगोष्ठी में मुख्य रूप से जिलाध्यक्ष हकीकुल्लाह शाह, नूर आलम खां, याकूब अंसारी, मोईन, अब्दुर्रहीम, मो० जावेद, मो०जमील, रहमान खान, साकिब, नदीम, अशरफ, खालिद अंसारी आदि मौजूद रहे।
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