शुक्र ग्रह 23 अक्टूबर को कन्या राशि में किए प्रवेश, इन राशि के जातकों को होगा लाभ

बस्ती। भोग विलास, सुख-सुविधा, प्रेम, विलासिता व भाग्य जैसे कारकों के प्रदाता शुक्र ग्रह 23 अक्टूबर को सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र जब मीन राशि में होते हैं तो उच्च माने जाते हैं, जबकि कन्या राशि में नीच के माने जाते हैं। ज्योतिष में उच्च शुक्र को शुभ फलदायी माना गया है। वहीं, नीच शुक्र नकारात्मक परिणाम लेकर आते हैं। नौ ग्रहों में शामिल छठें ग्रह शुक्र को वृषभ और तुला राशि का स्वामी माना जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार 23 अक्टूबर 2020 की सुबह 10.58 बजे शुक्र कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। 25 दिनों के उपरांत 17 नवंबर 2020 को दोपहर 12.50 बजे कन्या राशि से निकल कर अपनी स्वराशि तुला में प्रवेश करेंगे। शुक्र ग्रह से सभी राशियां प्रभावित होती है।
राशियों पर प्रभाव
मेष राशि: कानूनी विवादों का सामना। शत्रुओं की संख्या बढ़ेगी। नौकरी में बदलाव का सही समय नहीं।
वृषभ राशि: शिक्षा के क्षेत्र में कामयाबी। नए अवसर प्राप्त होंगे। संतान पक्ष से शुभ समाचार मिल सकता है।
मिथुन राशि: संपत्ति में इजाफा होगा। लोकप्रियता में बढ़ोतरी होगी। शक्ति प्रबल होगी और कार्य संपन्न होंगे।
कर्क राशि: भाई बहनों का सहयोग मिलेगा। पराक्रम में वृद्धि। परिवार में खुशी। माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
सिंह राशि: व्यापार में शुभ फल की प्राप्ति। नौकरी के नए अवसर। आदमनी के नए स्रोत। जीवन में सुख संपन्नता।
कन्या राशि: सकारात्मक व आशावादी रहेंगे। लव लाइफ में रिश्ते पहले से ज्यादा मजबूत होंगे।
तुला राशि: विदेश यात्रा संभव। व्यापार में लाभ होगा। भौतिक सुखों में बढ़ोतरी। कर्ज घटेगा।
वृश्चिक राशि: आय बढ़ेगी। धन संबंधित समस्याओं का निराकरण। कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं।
धनु राशि: राजनीतिक दायरा बढ़ेगा। शत्रु सक्रिय होंगे, उनसे बचकर रहें। नकारात्मक सोच बढ़ेगी इससे बचें।
मकर राशि: भाग्य का पूरा साथ मिलने से हर कार्य में सफलता मिलेगी। जीवन में यह समय बहुत उत्तम है।
कुंभ राशि: जीवन में उतार चढ़ाव महसूस करेंगे। परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कार्यक्षेत्र में उन्नति के आसार हैं।
मीन राशि: चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। छवि को नुकसान पहुंचेगा। वैवाहिक जीवन में विवाद बढ़ेगा।
शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के उपाय
लक्ष्मी माता की उपासना करें। सफेद वस्त्र दान करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे और कुत्ते को दें। शुक्रवार का व्रत रखें। इस दिन खटाई न खाएं। चमकदार सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें। श्री सूक्त का पाठ करें। शुक्रवार के दिन दही, खीर, ज्वार, इत्र, रंग-बिरंगे कपड़े, चांदी, चावल इत्यादि वस्तुएं दान करें।
।।श्री सूक्त।।
ॐ हिरण्य-वर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।
तां म आवह जात-वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।।
अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्।
श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।
कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं।
पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।।
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्।
तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।
आदित्य-वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः।
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।
उपैतु मां दैव-सखः, कीर्तिश्च मणिना सह।
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे।।
क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्।
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।
गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्।
ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि।
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।
कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम।
श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम्।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे।
निच-देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्।
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।
आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।
तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्।।
यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्।
श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्।।
इति श्री सूक्तं परिपूर्णं
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