शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की कृपा से होती है धन की वृद्धि -प. आत्मा राम पांडेय दद्दा जी महाराज काशी

दद्दा जी महाराज जी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के अनगिनत लाभ आइए जाने
अगर आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा दूषित है या कमजोर स्थिति में है, तो इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करने के लिए ये शुभ दिन होगा।गर्भवती महिलाओं के लिए यह रात विशेष गुणकारी है। नाभि पर चांद की किरणें पड़ने से गर्भस्थ बच्चे को पुष्टि मिलती है। कुछ खास बीमारियों से बच्चे को बचाव होता है।शरद पूर्णिमा की सुनहरी रात में वैद्यों द्वारा जड़ी बूटियों से औषधि का निर्माण किया जाता है। माना जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात को तैयार की गई औषधि अचूक रामबाण होती है।
नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए ये विशेष दिन है
श्वास व दमा के रोगियों को धीमी आंच पर किरणों के प्रकाश में तैयार कर खीर खिलाई जाये तो दमा के रोगियों को विशेष फायदा होता है। आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि धन , आर्थिक समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की उपासना से सुख-समृद्धि की कामनापूर्ति के लिए अचूक मानी जाती है। इस दिन श्रीसूक्त, लक्ष्मीस्तोत्र का पाठ करके हवन करना चाहिए।
शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:
रोग से मुक्ति हेतु
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनात् मृत्योर्मुक्षिय मामृतात्
शरद पूर्णिमा के ज्योतिषीय उपाय
पूर्णिमा के दिन घिसे हुए सफ़ेद चंदन में केसर मिलाकर भगवान शंकर को अर्पित करने से घर से कलह और अशांति दूर होती है।सफल दाम्पत्य जीवन के लिए शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन जुए, शराब आदि नशे आदि से दूर रहना चाहिए।पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है एवं पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रौशनी में सुई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्र ज्योति बढती है।
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 25 मिनट से 31 अक्टूबर को रात 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगा
अगर आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा दूषित है या कमजोर स्थिति में है, तो इस ग्रह को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न उपाय करने के लिए शरद पूर्णिमा का दिन सबसे श्रेष्ठ है। इस दिन अगर कोई व्यक्ति अपनी राशि के अनुसार कुछ उपायों को करता है तो उसे जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता और उसे मां लक्ष्मी का आर्शीवाद भी प्राप्त होता है |
लेखक
ज्योतिषाचार्य
पं.आत्मा राम पांडेय “काशी”
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