वास्तुशिल्प के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती पर ढेर सारी शुभकामनाएं

धर्म-अध्यात्म से जुड़ी जानकारी
संकलन-अरुण मिश्रा बस्ती
वास्तुशिल्प के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा की आज यानी 17 सितंबर 2020 को जयंती मनाई जा रही है।इस दिन को विश्वकर्मा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। विश्वकर्मा को दुनिया का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है। इसलिए इस दिन उद्योगों, फैक्ट्रियों और हर तरह के मशीन की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए अस्त्रों,शस्त्रों,भवनों और मंदिरों का निर्माण किया था।विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना में भगवान ब्रह्मा की सहायता की थी, ऐसे में इंजीनियरिंग काम में लगे लोग उनकी पूजा करते हैं। यह पूजा सभी कलाकारों, बुनकर, शिल्पकारों और औद्योगिक घरानों द्वारा की जाती है।
मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा के पूजन-अर्चन किए बिना कोई भी तकनीकी कार्य शुभ नहीं माना जाता। इसी कारण विभिन्न कार्यों में प्रयुक्त होने वाले औजारों, कल-कारखानों में लगी मशीनों की पूजा की जाती है।भगवान विश्वकर्मा के जन्म को लेकर शास्त्रों में अलग-अलग कथाएं प्रचलित हैं।वराह पुराण के अनुसार ब्रह्माजी ने विश्वकर्मा को धरती पर उत्पन्न किया। वहीं विश्वकर्मा पुराण के अनुसार आदि नारायण ने सर्वप्रथम ब्रह्माजी और फिर विश्वकर्मा जी की रचना की।
विश्वकर्मा दिवस के दिन पूजा करने से घर और काम में सुख समृद्धि आती है।इस दिन सबसे पहले कामकाज में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को साफ करना चाहिए, फिर स्नान करके भगवान विष्णु के साथ विश्वकर्माजी की प्रतिमा की विधिवत पूजा करनी चाहिए। ऋतुफल, मिष्ठान्न, पंचमेवा, पंचामृत का भोग लगाएं। दीप-धूप आदि जलाकर दोनों देवताओं की आरती उतारें।
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