आचार्य पंडित अच्युतानंद त्रिपाठी से जाने क्या कहते है आपके राशिफल एवं स्वस्थ्य रखने के उपाय

शारदीय नवरात्रि प्रारम्भ
शैलपुत्री पूजन (प्रथम दिवस) :-
मां दुर्गा के नौ रुपों में पहला रुप है शैलपुत्री का। नवरात्र के पहले दिन घट स्थापना के साथ देवी के इसी रुप की पूजा की जाती है । मां का यह रुप सौम्य और भक्तों को प्रसन्नता देने वाला है। ऐसी मान्यता है कि देवी पार्वती पूर्व जन्म में दक्ष प्रजापति की पुत्री सती थी। दक्ष के यज्ञ कुंड में जलकर देवी सती ने जब अपने प्राण त्याग दिए तब महादेव से पुनः मिलन के लिए इन्होंने पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रुप में जन्म लिया। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण यह हैमवती और उमा नाम से जानी जाती हैं। पर्वत को शैल भी कहा जाता है इसलिए माता का प्रथम रुप शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है।
दिशाशूल :-
पूर्वदिशा – यदि आवश्यक हो तो अदरक या उड़द का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
आरोग्यं सलाह :-
नवदुर्गा के औषधि रूप :
प्रथम रूप शैलपुत्री माना गया है। इस भगवती देवी शैलपुत्री को हिमावती हरड़ कहते हैं। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है जो सात प्रकार की होती है। हरीतिका (हरी) जो भय को हरने वाली है। पथया – जो हित करने वाली है। कायस्थ – जो शरीर को बनाए रखने वाली है। अमृता (अमृत के समान) हेमवती (हिमालय पर होने वाली)।चेतकी – जो चित्त को प्रसन्न करने वाली है। श्रेयसी (यशदाता) शिवा – कल्याण करने वाली ।
हरड़ के घरेलू उपयोग :-
1) हरड़ के टुकड़ों को चबाकर खाने से भूख बढ़ती है |
2) छोटी हरड़ को पानी में घिसकर छालों पर प्रतिदिन तीन बार लगाने से मुहं के छाले नष्ट हो जाते हैं | इसको आप रात को भोजन के बाद भी चूंस सकते हैं |
3) छोटी हरड़ को पानी में भिगो दें | रात को खाना खाने के बाद चबा चबा कर खाने से पेट साफ़ हो जाता है और गैस कम हो जाती है |
4) कच्चे हरड़ के फलों को पीसकर चटनी बना लें | एक -एक चम्मच की मात्रा में तीन बार इस चटनी के सेवन से पतले दस्त बंद हो जाते हैं |
5) हरड़ का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दो किशमिश के साथ लेने से एसीडिटी ठीक हो जाती है |
आज का राशिफल :-
राशि फलादेश मेष :-
चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी। व्यस्तता के चलते स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। बेवजह विवाद हो सकता है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।
राशि फलादेश वृष :-
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
व्यापार-व्यवसाय में उतार-चढ़ाव रहेगा। नौकरी में अधिकारी अधिक की अपेक्षा करेंगे। कामकाज में अधिक ध्यान देगा पड़ेगा। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। भागदौड़ रहेगी। समय पर काम नहीं होने से तनाव रहेगा। गुस्से पर काबू रखें। किसी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। राशि फलादेश मिथुन :-
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। निवेश शुभ फल देगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। भाग्य का साथ मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिल सकती है। पहले किए गए प्रयास का लाभ अब मिलेगा। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। प्रतिस्पर्धियों पर विजय प्राप्त होगी। प्रमाद न करें।
राशि फलादेश कर्क :-
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आनंद और उल्लास के साथ जीवन व्यतीत होगा। पारिवारिक सहयोग प्राप्त होगा। आय में सुगमता रहेगी। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। प्रसन्नता बढ़ेगी। चोट व रोग से हानि संभव है।
राशि फलादेश सिंह :-
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
किसी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। व्यावसायिक प्रवास हो सकता है। काम में अनुकूलता रहेगी। जीवनसाथी के स्वास्थ्य संबंधी चिंता बनी रहेगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। भेंट व उपहार की प्राप्ति हो सकती है। पार्टनरों से सहयोग मिलेगा। लाभ होगा।
राशि फलादेश कन्या :-
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। धनहानि की आशंका बन सकती है। व्यापार ठीक चलेगा। कोई बड़ा खर्च अचानक सामने आ सकता है। व्यवस्था में मुश्किल होगी। चिंता तथा तनाव रहेंगे। गुस्से पर काबू रखें। आय बनी रहेगी।
राशि फलादेश तुला :-
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
धन प्राप्ति सु्गम होगी। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। कोई नई समस्या आ सकती है। शारीरिक कष्ट भी आशंका है, लापरवाही न करें। पहले किसी व्यक्ति को दिए गए कर्ज की वसूली हो सकती है। व्यावसायिक प्रवास सफल रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे।
राशि फलादेश वृश्चिक :-
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यकारी नए अनुबंध हो सकते हैं। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। आर्थिक वृद्धि के लिए नई योजना बनेगी। तत्काल लाभ नहीं होगा। शारीरिक शिथिलता रहेगी।
राशि फलादेश धनु :-
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
जीवनसाथी को भेंट व उपहार देना पड़ सकता है। किसी अनहोनी की आशंका रह सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। लापरवाही न करें। कोर्ट व कचहरी तथा सरकारी कामों में अनुकूलता रहेगी। गृहस्थ जीवन में आनंद का वातावरण रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रमाद न करें।
राशि फलादेश मकर :-
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
शारीरिक हानि की आशंका बनती है। किसी व्यक्ति के व्यवहार से दिल को ठेस पहुंच सकती है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कोई पुराना रोग परेशानी का कारण बन सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। आय में निश्चितता रहेगी, धैर्य रखें।
राशि फलादेश कुंभ :-
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
सुख के साधन जुटेंगे। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। सरकारी कामकाज में अनुकूलता रहेगी। स्थिति नियंत्रण में रहेगी। किसी लंबे मनोरंजक प्रवास का कार्यक्रम बन सकता है। आंखों का विशेष ध्यान रखें। चोट व रोग से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम न उठाएं।
राशि फलादेश मीन :-
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। कार्य के प्रति उत्साह रहेगा। जल्दबाजी न करें। भूमि व भवन इत्यादि की खरीद-फरोख्त की योजना सफल रहेगी। कुबुद्धि हावी रह सकती है इसलिए कोई भी निर्णय सोम-समझकर करें। बड़ा लाभ हो सकता है। प्रमाद न करें।
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