श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनकर भाव विभोर हुए श्रोता

विक्रमजोत विकास खण्ड के पड़रिया गांव रामसुख यादव के घर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन आये कथा वाचक पं.मनोरंजन महराज ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाकर श्रद्धालुओ को मंत्रमुग्ध कर दिया । कथा को विस्तार देते हुए पंडित जी ने कहा कि भगवान भक्तों के वश में हैं। भगवान हमेशा अपने भक्तों का ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब धरती पर पाप , अत्याचार बढ़ता है, तब-तब भगवान श्रीहरि धरा पर किसी न किसी रूप में अवतार लेकर भक्तों के संकट हरते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए भगवान का अवतार होता है।जब कंस के पापों का घड़ा भर गया, तब भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लेकर कंस का अंत किया और लोगों को पापी राजा से मुक्ति दिलाई। कथा के दौरान पंडित जी ने अनेक भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। जिनमें नंद घर जन्में कन्हैया,कान्हा अब तो ले लो अवतार बृज में , यशोदा ने जायो ललना , श्याम तेरी वंशी पुकारे राधा राम भजनों को सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो कर थिरकने को मजबूर हो गए। इस दौरान पंड़ित जी ने कहा कि आज व्यक्ति मोह माया के चक्कर में फंसकर अनीति पूर्ण तरीके से पैसा कमाने में जुटा है। जिसका परिणाम अंतत: उसे भोगना पड़ता है। मानव मानव की तरह नहीं जी रहा है। श्रीमद् भागवत जीवन जीने और मरने की कला सिखाती है। उन्होंने बताया कि कलयुग में दुख के तीन कारण हैं, समय, कर्म और स्वभाव। उन्होंने कहा कि स्वभाव से जो दुखी है वो कभी सुखी नहीं हो सकता। जिस घर में अनीति से धन कमाया जाता है उस परिवार में कभी एकता नहीं रहती। वहां हमेशा बैर बना रहता है।
इस मौके पर प्रेमचंद यादव, राम किशोर यादव, पतिराम यादव, शैलेंद्र सिंह, सालिकराम मौर्य, बीपत, रामलखन, जग्गीलाल, तेज बहादुर सिंह,मनीष यादव, विनय सिंह, सन्तू गुप्ता, करिया, सीताराम स्वामी नाथ वर्मा, भल्लर चौधरी,सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
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विक्रमजोत विकास खण्ड के पड़रिया गांव रामसुख यादव के घर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा…