नारद मोह का किया मंचन कर कलाकारों ने मोहामन
परशुरामपुर क्षेत्र के पिकौरा भट्ट गांव में आदर्श रामलीला समिति की तरफ से आयोजित 36वें रामलीला समारोह का शुभारम्भ ग्राम प्रधान मुकेश शर्मा ने भगवान राम की आरती कर किया । पहले दिन स्थानीय कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया जिसे देख उपस्थित श्रद्धालु भाव विभोर हो गए लीला के प्रारंभ में स्थानीय कलाकारों ने दिखाया की देव ऋषि नारद तपस्या में लीन रहते हैं जिससे इंद्र का सिंहासन हिलने लगता है इंद्र घबराते है और अपने गणों को भेजकर नारद की तपस्या भंग कराने का प्रयास करते है तपस्या भंग होने से पहले ही नारद का तब पूर्ण हो जाती है जिससे नारद को अभिमान हो जाता है नारद का अभिमान तोड़ने के लिए भगवान विष्णु माया रूपी नगर की रचना करते हैं और वहां एक सीलनिधि नाम के राजा होते हैं राजा की पुत्री विश्व मोहिनी का स्वयंबर रचा जाता है उसी बीच देव ऋषि नारद भ्रमण करते हुए राजा शीलनिधि के यहां पहुंचते हैं राजा देव ऋषि नारद से अपनी पुत्री के गुण दोषों के बारे में पूछते हैं जिसे देख नारद भ्रमित हो जाते हैं और विश्व मोहिनी के स्वयंवर में शामिल होने के लिए भगवान श्री हरि का रूप मांगते हैं उसके बाद हरि रूप धारण कर देव ऋषि नारद विश्ववानी के स्वयंवर में शामिल होते हैं जिसे देख भगवान शिव के गण देव ऋषि नारद का मजाक उड़ाते हैं ।अंतत: विश्व मोहिनी श्रीहरि का वरण करती है । मौजूद दर्शकों गुड्डू , मेवालाल , छट्ठी दीन , जंग बहादुर , नौमी गुप्ता सहित लोग मंत्रमुग्ध होकर नारद मोह के जीवंत रूप देख सराहना करते रहे।
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