कुछ इस तरह..सरयू नदी में डूबती महिला की जान बचाने के लिए देवदूत बनें उमाशंकर

– बंजरिया सूबी गांव निवासी उमाशंकर ने बचाई महिला की जान
– कटरिया चादपुर तटबंध के पास की है घटना
– सरयू नदी में तीन किमी तक बहती रही महिला
दुबौलिया, बस्ती। किसी नें सच कहा है “जाको राखे साईंया मार सके न कोय” यह लाइन एक बार फिर उस समय चरितार्थ हुई जब दुबौलिया बंधे के दक्षिण सरयू नदी बजरिया सूबी गांव के पूरब कटरिया चादपुर तटबंध के पास नदी की धारा में एक महिला बहती देख महिला की जान बचानें के लिए देवदूत बनकर उमाशंकर ने अपनी जान को दांव पर लगाकर नदी में छलांग लगा दिया। महिला को नदी से बाहर निकालते हुए स्थानीय पुलिस को सूचना दी। वहीं उमाशंकर के इस सराहनीय कार्य की लोग प्रशंशा कर रहे हैं और लोगों के जुबान पर एक ही लाइन आ रही है “जाको राखे साईंया मार सके न कोय”।
बता दें दुबौलिया थाना क्षेत्र के बंजरिया सूवी निवासी उमाशंकर अपने खेत की गुड़ाई करने जा रहे थे कि सरयू नदी में एक महिला बहती हुई जा रही है। महिला को देखते ही उमाशंकर ने अपनी जान का परवाह किए विना नदी में कुद कर जान बचाने लगे। वहीं बंधे पर दौड़ लगाने युवाओं ने तुरन्त पहुंचकर महिला को बाहर निकाला। महिला पूरी तरीके से सुरक्षित थी। सुविखा बाबू से लेकर कटरिया तक लगभग तीन किमी महिला सरयू नदी की धारा में बहती रही।
स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना दुबौलिया पुलिस को दी। मौके पर मौके पर पीआरबी 4209 टीम के कास्टेबल प्रदीप सिंह चालक अजय मिश्रा ने पहुंच गये। वहीं महिला की पहचान सूविखा बाबू के झिन्ने के पत्नी रूप में हुई। लोगों ने घटना की जानकारी परिजनों को दी।
मौके पर पहुंचे महिला के पति झिन्ने ने बताया कि भोर में मेरी पत्नी गायब हुई है। सुबह से हम लोग खोज बीन कर रहे थे कि सूचना मिली कि मेरी पत्नी नदी धारा में बहकर जा रही लोगों ने सुरक्षित बचा लिया है। मेरी पत्नी ईश्वर की कृपा व मॉ सरयू माता जी के आर्शीवाद से सुरक्षित है।
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ठंड से कांप रही महिला को अलाव जलाकर बैठाये
दुबौलिया थाना के कटरिया बंधे के पास सरयू नदी में बहती महिला को बाहर निकालने के बाद ठंड से कांप रही थी लोगों ने तुरन्त पुआल को जलाकर उसे बैठाया। कुछ देर बाद महिला सामान्य हो गई।
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मेरी पत्नी को बचाने के लिए देवदूत बनकर पहुंचे उमाशंकर
सुविखा बाबू गांव निवासी झिन्ने ने कहा कि मेरी पत्नी की जान बचाने के लिए बंजरिया सूवी निवासी उमाशंकर देवदूत बनकर पहुंचे और अपनी जान को दांव पर लगाकर मेरी पत्नी को बाहर निकालकर उसकी जान बचाई। उनकी जितनी सराहना की जाय उतना कम हैI हमारे तीन बच्चे है। दो की शादी हो गई है एक की अभी नही। महिला को लेकर उसका पति घर चला गया।
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– बंजरिया सूबी गांव निवासी उमाशंकर ने बचाई महिला की जान – कटरिया चादपुर…