कुछ इस तरह खर्च चलानें के लिए ऑटो चालक नें बदले रास्ते
◆ऑटो चालक खर्चा चलाने के लिए बदले रास्ते
◆लॉकडाउन होने से ऑटो चालकों पर संकट
◆लोगों ने रोजगार के लिए बदला रास्ता
◆गांव-गांव सब्जी बेचने एवं अन्य कार्य में जुटे ऑटो चालक
बस्ती। समूचे देश में फैली कोविड -19 से बचाव के लिए लॉकडाउन होने से ऑटों चालकों के सामने संकट खड़ा हो गया है। कुछ लोगों ने आटों से गांव -गांव सब्जी बेच रहे है। कुछ चालक रोजगार की तलाश कर जीवन यापन करने के लिए अन्य कार्य में जुटे गये है। ऑटो चालकों ने बताया कि लॉकडाउन होने से हम लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। किसी तरीके से खर्चा चलाया जा रहा है। अब उमींद है कि लॉकडाउन खुलने के बाद ही राहत मिल सकेगी।
लॉकडाउन में जिन ऑटो चालकों के पास निजी ऑटो था वे लोग गांव -गांव घूमकर सब्जी बेचकर अपना खर्चा चला रहे है। सबसे बड़ी समस्या उनके पास हो गई है जो दिहाड़ी पर दिन भर आटों चलाते थे। शाम को दिहाड़ी मिलने के बाद परिवार का खर्च देखते थे। अब उनके लिए समस्या खड़ी हो गई है। लोग इंतजार में है लाॅकडाउन खत्म होने के बाद ही सड़क पर सवारियां मिल सकेगी।
ठेला चलाकर खर्चा चला रहा ऑटो चालक
चिलमा बाजार निवासी ऑटो चालक सुनील चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के चलले संकट खड़ा हो गया तो परिवार का खर्च चलाने के लिए ठेला चलाना शुरु कर दिये है। किसी तरीके से अपना खर्च चला रहे है। लॉकडाउन कब खुलेगा और सड़क पर ऑटो के लिए सवारियां कब से मिलेगी यह निश्चित नही है। इसलिए ठेला चलाकर अपना खर्चा चला रहे है।
ऑटो से सब्जी बेचना मजबूरी
तिघरा निवासी ऑटो चालक यदुनाथ उर्फ बब्लू धारिया ने बताया कि लॉकडाउन से आर्थिक संकट खड़ा हो तो किसी तरीके से सब्जी खरीदकर गांव -गांव बेचना शुरु कर दिए है। सब्जी बेचकर परिवार का खर्चा चला रहे है। उधर ऑटो का लोन भी बढ़ रहा हैI ऐसे में हम लोगों के सामने समस्या खड़ी गई है।
ऑटो को खड़ा कर घर बैठे
डेईडीहा बुर्जुग गांव निवासी ऑटो चालक जगदीश चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन में ऑटो को खड़ा कर घर बैठे है। दिन भर ऑटो चलाने के बाद आटो की किश्त व हमारा खर्चा निकल जाता था। लेकिन लॉकडाउन से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। हम लोग इंतजार कर रहे है कि लॉकडाउन खुले हम लोगों का रोजगार लौटे।
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