असत्य पर सत्य की विजय हेतु तपस्वी वेश धारण कर राम पहुंचे बनवास : मनु जी महाराज
कलवारी, बस्ती। आस्था और बिश्वास के बिना ईश्वर की कृपा नहीं होती। योगियों के ह्रदय में बैठे भगवान श्रीराम भी उन्हें बिश्वास के बगैर दिखाई नहीं पड़ते | ऐसे में बिश्वास पूर्ण भक्ति से ही ईश्वर का मिलन संभव है |
यह बातें अवध धाम से आए मनु जी महाराज ने कहा। वे शनिवार को कथा के आठवें दिन सोमेश्वर नाथ शिव मंदिर पाऊं में श्रीराम कथा का रसपान करा रहे थे। चक्रवर्ती सम्राट राजा दशरथ कहते हैं न्याय का पालन करें तो भरत और धर्म का पालन करें तो राम को राजगद्दी देना चाहिए। राम के राज्याभिषेक की घोषणा होते ही देवलोक में आग लग गई। देवताओं ने माता सरस्वती से कहा कि रावण के आतंक से हम परेशान है। और हम खड़े होकर हुकुम बजा रहे हैं। इन्द्र रावण को माला पहनाते हैं। मृत्यु पैर दबाता है। पवन झाड़ू लगाते हैं। अग्नि भोजन बनाते हैं। सरस्वती मां ने कहा कि बन्दर भालू बनकर बन में रहो। हल निकाला जाएगा।
इधर देवताओं की प्रेरणा से जनकल्याण हेतु राम को बनबास पहुंचाने के लिए मां सरस्वती मंथरा के जिह्वा पर बैठ जाती हैं। कैकेई की चाल सफल हो जाती है। और कैकेई कोप भवन में चली जाती है।
माता के आदेश पर भगवान राम राजमहल से बनवास के लिए निकलते है। पूरे महल में रुदन मचा है। राजा दशरथ हे राम, हे राम कहते हुए जमीन पर गिर पड़ते हैँ। राज्य की जनता भगवान राम के साथ बन जाने के लिए निकल पड़ती है। तमसा नदी के तट पर सबको छोड़ कर निषादराज के साथ बन जाने के लिए नदी पार करते है। गंगा नदी पार करते समय भगवान राम और केवट में इशारो इशारो में कई जन्मों के मर्मस्पर्शी गूढ़तत्व की चर्चा होती है। बनमार्ग में दीनदयाल प्रभु श्रीराम ऋषि पत्नी अहिल्या, गन्धर्व से राक्षस हुए कबंध, भक्त जटायु का उद्धार करते हुए मातंग ऋषि की बातो को याद करते हुए भक्तिमूर्ति माँ शबरी के आश्रम में पहुचते है। प्रेम बिहवल प्रभु श्रीराम माँ शबरी के हाथो जूठे बेर खाकर जातिपाति, छुआछूत के भेदभाव से दूर रहने का सन्देश देते हैं।
कथा के दौरान मुख्य रूप से आयोजक व मन्दिर के महंत पप्पू दास नागा, ग्राम प्रधान अभिषेक पाण्डेय, स्वामी नारायण द्विवेदी, शिव शंकर शुक्ल, काशी नाथ द्विवेदी, राम बुझारत पांडेय, भगवान देव तिवारी, दुर्गा प्रसाद शुक्ल, विद्या सागर द्विवेदी, श्याम सुन्दर द्विवेदी, नीलम द्विवेदी, हजारी लाल भारती, जनार्दन तिवारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु मौजूद रहे।
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